अकाली दल एनडीए से अलग हुआ

    28-Sep-2020
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कृषि विधेयकाें के विराेध में शिराेमणि अकाली दल ने 22 साल तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की छत्रछाया में रहने के बाद शनिवार काे गठबंधन से अलग हाेने का ऐलान कर दिया. शिराेमणि अकाली दल उन सबसे पुराने साथियाें में शुमार है, जिसने राजग के साथ रहकर अपनी सियासी जमीन काे मजबूत बनाया.
 
राजग के सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से शिराेमणि अकाली दल का नाता टूटने की वजह वाे कृषि विधेयक हैं, जिन्हें हाल ही में संसद से पारित किया गया है. इन विधेयकाें के पारित हाेने की प्रक्रिया काे लेकर केंद्र सरकार की काफी आलाेचना भी की गई है.
 
बहरहाल, अब दाेनाें पार्टियाें का 22 साल का साथ छूट गया है. अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार काे पार्टी की काेर कमिटी के साथ बैठक में यह फैसला लिया. बता दें कि, अकाली दल 1998 से राजग में था.
 
पिछले दिनाें संसद के मानसून सत्र के दाैरान कृषि विधेयकाें के विराेध में अकाली दल की नेता हरसिमरत काैर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उसी के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि, जल्द ही अकाली दल राजग से अलग हाेने का ऐलान कर सकता है.
 
शिराेमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि, महम एनडीए का हिस्सा नहीं हाे सकते हैं, जाे इन विधेयकाें काे लेकर आया है. सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि, शिराेमणि अकाली दल अब राजग का हिस्सा नहीं है. गाैरतलब है कि, शिवसेना के बाद अकाली दल काे भाजपा की सबसे पुरानी सहयाेगी पार्टी के रूप में देखा जाता था; परंतु शिवसेना पहले ही एनडीए से अलग हाे चुकी है और अब अकाली दल भी राजग से अलग हाे गया है.
 
जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं, उसे एनडीए नहीं माना जा सकता : संजय राउत
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि, जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल ना हाे, उसे एनडीए नहीं कहा जा सकता है. राउत ने कहा, एनडीए के मजबूत स्तंभ शिवसेना और अकाली दल थे. शिवसेना काे मजबूरन एनडीए से बाहर निकलना पड़ा, अब अकाली दल निकल गया. जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं, मैं उसकाे एनडीए नहीं मानता.