पिंपरी-चिंचवड़ में मजदूराें के कदम फिर बढ़ने लगे काम की तलाश में

30 Sep 2020 11:38:08

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प्रवासी श्रमिकाें का लाैटना जारी : विभिन्न मजदूर अड्डाें में सुबह से ही लगने लगी है भीड़  
 
लाॅकडाउन की नियमावली में ढील के साथ अब मजदूर धीरे-धीरे फिर काम की तलाश में जुट गए हैं. निगड़ी, कालेवाड़ी, रहाटणी एवं भाेसरी स्थित मजदूर अड्डाें में खुदाई, बिगारी एवं गवंडी आदि काम करने वाले मजदूर बड़ी संख्या में आने लगे हैं. इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा है. दै. मआज का आनंदफ के साथ बातचीत के दाैरान मजदूराें ने बताया कि, काेराेना से बुरी तरह भयभीत हाेने के बावजूद भूख उन्हें काम पर लाैटने के लिए विवश कर रही है. पिंपरीचिंचवड़ काे औद्याेगिकनगरी के रूप में पहचाना जाता है.
 
यहां सभी के लिए काम उपलब्ध है. इसके चलते राज्य के सातारा, बीड़, उस्मानाबाद एवं अन्य कई भागाें से बड़ी संख्या में यहां पहुंचे मजदूर पिंपरी-चिंचवड़ में बस गए हैं. औद्याेगिक क्षेत्र के भारी काम, कंस्ट्र्नशन कारीगर, बिगारी, विवाह समाराेह में भाेजन पराेसने वाले, खेताें के मजदूर एवं गाड़ियाें में सामान की लाेडिंग व अनलाेडिंग करने वाले मजदूराें के लिए मजदूर अड्डा ही सर्वाधिक उपयु्नत स्थान है.
 
रहाटणी चाैक, कालेवाड़ी फाटा, चिंचवड़ स्थित डांगे चाैक एवं भाेसरी स्थित बीआरटी बस स्टाॅप के पास स्थित मजदूर अड्डा आदि जगहाें पर राेज सुबह ही बड़ी संख्या में मजदूर काम की तलाश में इकट्ठे हाे जाते हैं. मजदूर अड्डाें की वजह से ठेकेदाराें, उद्यमियाें, किसानाें व बड़े कंस्ट्र्नशन व्यवसायियाें के लिए समय पर मजदूराें की तलाश का कार्य आसान हाे जाता है. काेराेना व लाॅकडाउन के चलते पिछले चार महीनाें से मजदूर अड्ड़े सुनसान पड़े थे, मगर अब मजदूर फिर यहां इकट्ठे हाेने लगे हैं. काेराेना की वजह से बेराेजगारी की समस्या बढ़ गई है. साथ ही व्यापार व उद्याेग भी ठप्प हाेने लगे हैं.
 
उद्याेग व व्यापार बंद हाेने की वजह से बेराेजगारी की समस्या सिर उठाने लगी है. प्लंबर, वेल्डर, सुतार, गवंडी, सफाई मजदूर तथा खेताें में काम करने वाले लाेगाें के साथ भारवाहक व बिगारी महिला व पुरुष मजदूर इन अड्डाें पर इकट्ठे हाेते हैं. अब राेजगार की स्थिति खराब हाेने के चलते ये मजदूर कम मजदूरी पर भी काम करने के लिए तैयार हैं. बेराेजगार लाेगाें की संख्या की तुलना में राेजगार के अवसर कम हैं. इस वजह से मजदूर अड्डाें पर दिनभर भीड़ देखी जा रही है. 
 
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