स्कूल के पास रेस्टाेबार काे मुंबई हाईकाेर्ट ने दी मंजूरी

15 Oct 2021 09:58:23
 
कहा- उच्च नैतिक संस्कार करने की जिम्मेदारी स्कूलाें के ऊपर : वहां से शिफ्ट करने की याचिका खारिज
 

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स्कूलाें के ऊपर जिम्मेदारी हाेती है कि वे छात्राें के अंदर उच्च नैतिक मूल्य काे पनपने के लिए मदद करें और उन्हें वैसा माहाैल प्रदान करें. स्कूल के पास शराब पराेसने वाले एक रेस्टाेरेंट काे दूसरी जगह शिफ्ट करने की याचिका काे मुंबई हाईकाेर्ट ने इसी आधार पर खारिज कर दिया. जस्टिस गिरीश कुलकर्णी ने कहा कि याचिकाकर्ता अदालत में जिरह के दाैरान अदालत के सामने यह साबित करने में असमर्थ रहे कि उनके स्कूल द्वारा दी जा रही शिक्षा में शराब पराेसने वाला रेस्टाेरेंट बाधा बन सकता है और बच्चाें पर इसका गलत असर हाे सकता है.आदिवासी बच्चाें के लिए स्कूल और हाॅस्टल संचालित करने वाले तीन साेशल वर्कर्स ने मुंबई हाईकाेर्ट में याचिका दाखिल की थी. यह मामला तब शुरू हुआ जब हाेटल मूनलाइट के मालिक ने पडली बाराव गांव से अपने शराब के ठेके काे जुन्नर के शहरी इलाके में दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की.
 
हालांकि साल 2019 में याचिकाकर्ता, स्थानीय लाेग, शिरूर के सांसद और विधायक के विराेध के बाद स्थानीय जिलाधिकारी ने इसे मंजूरी नहीं दी. जस्टिस कुलकर्णी ने कहा कि ऐसा लगता है कि अत्यधिक राजनैतिक दबाव में जिलाधिकारी ने यह निर्णय दिया है. शराब के ठेके काे जिस दूसरी जगह पर शिफ्ट करने के लिए आवेदन दिया गया था, वहां पास में एक स्कूल भी था. इसी वजह से जिलाधिकारी ने इसे रिजेक्ट किया था.जांच अधिकारी की रिपाेर्ट के बाद जिलाधिकारी ने कहा था कि मार्च 2019 की रिपाेर्ट के मुताबिक स्कूल का मेन गेट रेस्टाेरेंट से 450 मीटर की दूरी पर था.अगस्त 2019 में एक नया गेट पाया गया, जाे कंपाउंड की दीवार के उत्तर पश्चिम में 144 मीटर दूर था.मुंबई फाॅरेन लिकर रूल के मुताबिक किसी स्कूल या धार्मिक स्थल और शराब के ठेके या दुकान के बीच 75 मीटर की दूरी हाेनी चाहिए. इस इलाके में एक अन्य हाेटल ऐसे ही लाइसेंस के साथ कई वर्षाें से शुरू है जाे 375 मीटर दूर है, जिस पर स्कूल ने विराेध नहीं किया.
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