अभी भी चुनाव कार्यक्रम घोषित न होने से मनपा के इच्छुक उम्मीदवारों में बढ़ी बेचैनी
पुणे, दि. 21 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
अक्टूबर महीने के तीन सप्ताह बीतने के बावजूद मनपा चुनावों की प्रभाग रचना व आरक्षण ड्रॉ का कार्यक्रम चुनाव आयोग द्वारा घोषित न किए जाने से नगरसेवक और इच्छुक उम्मीदवारों में बेचैनी बढ़ गई है. तीन सदस्यीय प्रभाग रचना के चलते मौका मिलेगा या नहीं? इसको लेकर चिंचित इच्छुक उम्मीदवारों को अब इस बात का टेंशन सता रहा है कि चुनाव स्थगित तो नहीं होंगे?
राज्य में 10 बड़ी मनपाओं के साथ-साथ कोरोना के कारण स्थगित किए गए मनपाओं के चुनाव आगामी फरवरी में होने वाले हैं. राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार राज्य चुनाव आयोग ने तीन सदस्यीय रचना के अनुसार प्रभाग रचना का ड्राफ्ट तैयार करने के आदेश संबधित मनपाओं को दिए हैं. आमतौर पर चुनाव आयोग द्वारा प्रभाग रचना के साथ-साथ आरक्षण के ड्रा का कार्यक्रम अक्टूबर के मध्य में ही घोषित किया जाता है. इससे जनवरी के पहले सप्ताह में प्रत्यक्ष आचार संहिता लागू होने से पहले इच्छुक उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलता है.
लेकिन इस वर्ष कोरोना के मद्देनजर कार्यकाल समाप्त हो चुकी मनपाओं पर पहली बार प्रशासकों की नियुक्ति की गई है और मनपाओं को चुनाव के लिए छह महीने तथा उससे अधिक का विस्तार दिया गया है. लेकिन राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से कम हो रहा है और वैक्सीनेशन के कारण सभी व्यवहार लगभग पूर्ववत् हो गए हैं. इसके बावजूद अक्टूबर के तीन सप्ताह बीतने पर भी राज्य चुनाव आयोग की ओर से अभी भी चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है. इससे इच्छुक नेताओं में बेचैनी का माहौल है.
आरक्षण को लेकर उत्सुक नेताओं की चिंता बढ़ी
पुणे मनपा में 23 गांवों का समावेश किए जाने से नगरसेवकों की संख्या 166 हो जाएगी. इसलिए 55 प्रभाग तीन सदस्यीय रहेंगे जबकि एक प्रभाग चार सदस्यों का अथवा दो प्रभाग प्रत्येक दो सदस्यों वाले होंगे. 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के कारण इनमें से आधे यानी 27 से 28 प्रभागों में दो महिलाएं व एक पुरूष उम्मीदवार रहेंगे. इसलिए वर्तमान चार सदस्यीय प्रभाग में दो पुरूष सदस्यों में से एक का पत्ता कट हो जाएगा. इस दौरान जातिगत आरक्षण कैसे होगा? इस पर भी उस एक सदस्य का भविष्य निर्भर होगा. यही बात वर्तमान नगरसेविकाओं को भी लागू होगी इसलिए वे भी टेंशन में हैं.