राज्य में पुणे जिला दूसरे नंबर पर; उपजिलाधिकारी संजय तेली ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
पुणे, 28 नवंबर (आ.प्र.)
कलेक्टर भी खुद कई ‘फेरफार अदालत` में उपस्थित रहे जिससे पिछले साल में जिले में लगभग 10 लाख फेरफार रिकॉर्ड दर्ज करने में जिला प्रशासन को सफलता मिली. इससे फेरफार रिकॉर्ड दर्ज करने में पुणे जिला राज्य में दूसरे नंबर पहुंचने की जानकारी उपजिलाधिकारी संजय तेली ने दी. कोरोना की वजह से पिछले डेढ़ साल में राजस्व विभाग के दैनिक कामकाज पर बहुत ही असर हुआ है.
इससे लंबित काम और फाइलों की संख्या भी बढ़ती गई. जिससे तलाठी और सर्कल स्तरों पर लंबित फेरफार रिकॉर्ड का निपटारा करने के लिए सरकार द्वारा हर महीने फेरफार अदालत ली गई. जिले में लिए जा रहे फेरफार अदालतों को नागरिकों का समर्थन मिल रहा है. इस माध्यम से जनता की लंबित, वारिस, शिकायत और फेरफार का रिकार्ड दर्ज करने का सिलसिला पिछले वर्ष से जारी है. 24 नवंबर को लिए गए फेरफार अदालत में एक ही दिन में 3 हजार 361 रिकॉर्ड दर्ज कर समस्या का निपटारा किया गया. जबकि अब तक 10 लाख रिकॉर्ड दर्ज होने पर 9 लाख 73 हजार रिकॉर्डों का निपटान किया गया है.
सरकार के आदेश के अनुसार जिले में हर महीने चौथे बुधवार को नियमित रूप से फेरफार अदालत आयोजित करना और इसके लिए प्रांत अधिकारियों से लेकर तहसीलदार, नायब तहसीलदार को खुद ध्यान देते हुए गांव में उपस्थित रहने का आदेश कलेक्टर डॉ. राजेश देशमुख ने दिया है. मंडल स्तर पर संपर्क अधिकारियों की नियुक्तियां फेरफार रिकॉर्ड का निपटारा करने के काम में तालमेल बनाए रखने के लिए अक्टूबर 2020 से हर एक मंडल स्तर पर संपर्क अधिकारियों की नियुक्तियां की गई हैं.
जिले में 98 मंडल मुख्यालय में हुए फेरफार अदालत में किसान और खाताधारक पेश होकर अच्छा समर्थन दे रहे हैं. पिछले साल में 3 लाख फेरफार रिकॉर्ड दर्ज हुए थे पिछले एक साल में 3 लाख फेरफार रिकॉर्ड दर्ज करते हुए निपटारा किया गया. 2021 में फेरफार अदालत को अच्छा रिस्पांस मिलने पर 24 नवंबर को 10 लाख रिकॉर्ड दर्ज करने का लक्ष्य हासिल किया गया. पुणे जिले में कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली में रिकॉर्ड दर्ज करने का काम शुरू होने पर कुल 10 लाख 983 रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं. इनमें से 9 लाख 73 हजार रिकॉर्डों का निपटारा होने से निपटान का प्रतिशत 97.14 है. रिकॉर्ड दर्ज करने में पुणे जिला राज्य में दूसरे नंबर है.