भक्ति, ज्ञान और कर्म को संतुलित करके खुद को मजबूत करें : कोश्‍यारी

    01-Dec-2021
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संत श्री ज्ञानेश्‍वर तुकाराम व्याख्यानमाला के समापन समारोह में राज्यपाल ने कहा
 
कोथरूड, 30 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
भक्ति, ज्ञान और कर्म को संतुलित करके खुद को मजबूत करें. धर्म के साथसाथ विज्ञान के युग में भारत विश्‍वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है. शक्ति जीवन की महिमा है और कमजोरी मृत्यु का लक्षण है, इस बात को हर पल ध्यान में रखना चाहिए. यह विचार महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्‍यारी ने व्यक्त किए. वे 26वें दार्शनिक संतश्री ज्ञानेश्‍वर तुकाराम स्मृति व्याख्यानमाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
 
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड पीस सेंटर (आलंदी), माईर्स एमआईटी, पुणे और संत श्री ज्ञानेश्‍वर तुकाराम महाराज स्मृति व्याख्यानमाला न्यास के संयुक्त तत्वावधान में इस व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. राज्यपाल भगतसिंह कोश्‍यारी ने कहा, इस देश में साधु-संतों की तपस्या, त्याग और बलिदान अपार है.
 
भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करके एक समृद्ध भारत का निर्माण करने का समय आ गया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माइर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्‍वनाथ कराड ने कहा कि, यह व्याख्यान दुनिया भर में भारतीय संस्कृति, परंपरा और दर्शन के संदेश को फैलाने के लिए महत्वपूर्ण है. प्रो. डॉ. मिलिंद पांडे ने प्रास्तविक किया. सूत्र संचालन प्रो. गौतम बापट ने किया. प्रो. स्वाति कराड चाटे ने आभार व्यक्त किया.