शाेर-शराबे के चलते लाेकसभा की कार्यवाही स्थगित

    01-Dec-2021
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किसानाें के मुददाें काे लेकर विपक्ष की जमकर नारेबाजी; सदस्याें का निलंबन अलाेकतांत्रिक: खड़ग किसानाें के मुद्दे पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सांसदाें के शाेर-शराबे के चलते लाेकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. मंगलवार काे दाे बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही तीन बजे जैसे ही शुरू हुई, टीआरएस के सांसद हाथाें में तख्तियां लेकर किसानाें के मुद्दाें क लेकर नारेबाजी करने लगे. लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हंगामा कर रहे सांसदाें से सदन में शांति बनाए रखने और अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया. बिड़ला ने कहा, सदन काे सकारात्मक वातावरण में चलाने में सभी सदस्य सहयाेग करें.
इधर, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जाेशी ने कहा कि, राज्यसभा से निलंबित सांसदाें काे माफी मांगनी हाेगी. वहीं, सांसदाें काे निलंबन वापस नहीं किये जाने के विराेध में राज्यसभा से विपक्ष का वाकआउट किया.
 
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सदस्याें का निलंबन अलाेकतांत्रिक है. दूसरी तरफ विपक्ष के साथ चर्चा के बाद पारित कराने के लिए बांध सुरक्षा विधेयक सरकार ने टाल दिया. अध्यक्ष ने दादरा नगर हवेली से नवनिर्वाचित शिवसेना की कलावती माेहन डेलकर काे सदन की सदस्यता की शपथ दिलायी. सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चाैधरी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, हम भी चाहते हैं कि सदन बराबर चले. हम भी सदन में पिकनिक मनाने नहीं, बल्कि जनता की तकलीफाें से जुड़े मुद्दे उठाने ही आते हैं. तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि, सदन में चर्चा हाेनी चाहिये.
 
टीआरएस के सांसद नमा नागेश्वर राव ने कहा कि, तेलंगाना में पिछले 60 दिनाें से किसानाें के फसलाें की खरीद नहीं हाेने से वे परेशान हैं. इस बारे में सरकार काे सदन में बयान देना चाहिए. अध्यक्ष के बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी टीआरएस के सांसद शाेर मचाते रहे. इसके बाद बिड़ला ने लाेकसभा की कार्यवाही काे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया.इससे पहले सुबह 11 बजे सदन के शुरू हाेने पर अध्यक्ष ने दादरा नगर हवेली से नवनिर्वाचित शिवसेना की कलावती माेहन डेलकर काे सदन की सदस्यता की शपथ दिलायी.इसके बाद विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हाे गया. आसन के सामने तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसद किसान आंदाेलन में जान गंवाने वाले किसानाें काे 25-25 लाख रुपए का मुआवजा देने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग काे लेकर नारेबाजी करने लगे.