उत्तराखंड हादसे में अभी भी 140 लापता टनल में तलाशी का अभियान जारी

    22-Feb-2021
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उत्तराखंड के चमाेली जिले पर अभी भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. यहां ऋषिगंगा के ऊपर ग्लेशियर टूटने से बनी आर्टििफशियल झील का इंडियन नेवी, एयराेर्स और एक्सपर्ट की टीम ने मुआयना किया. डाइवर्स ने झील की गहराई मापी है. इससे मिले डेटा के जरिए वैज्ञानिक यह पता करेंगे कि, डैम की मिट्टी की दीवार पर कितना दबाव पड़ रहा है. इस झील में करीब 4.80 कराेड़ लीटर पानी हाेने का अनुमान है. इस झील में हाेने वाली सारी हलचल पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञाें की टीम लगाई गई है. इसके अलावा ऋषिगंगा नदी में सेंसर भी लगाया गया है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ते ही अलार्म बज जाएगा.
 
 
SDRF ने कम्युनिकेशन के लिए यहां एक डिवाइस भी लगाई है. विशेषज्ञाें के मुताबिक, ये झील करीब 750 मीटर लंबी है और आगे बढ़कर संकरी हाे रही है. इसकी गहराई आठ मीटर है. इसके हिसाब से झील में करीब 48 हजार घन मीटर यानी करीब 4.80 कराेड़ लीटर पानी हाेने का अनुमान है. नेवी के डाइवर्स ने हाथ में इकाे साउंडर लेकर इस झील की गहराई मापी. अगर ये झील टूटती है ताे काी ज्यादा नुकसान हाे सकता है.