लापरवाह साबित कंपनी काे फिर से एंटीवायरस सिस्टम का काॅन्ट्रै्नट !

    14-Apr-2021
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महापाैर के काॅन्ट्रै्नट रद्द किए जाने की मांग के पत्र काे मनपा आयु्नत ने डस्टबिन में डाला
 
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मनपा के कम्प्यूटर एवं सर्वर के लिए एंटीवायरस सिस्टम एवं सपाेर्ट स्टाफ की खरीदी हेतु ई-टेंडर जारी किया गया था. तीन सालाें की अवधि वाले इस प्राेजे्नट की लागत 60 लाख 30 हजार रुपए अपेक्षित मानी गई थी. मेसर्स वाेल्कर्सा टे्ननाे साेल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अपेक्षित से 45.47% कम दर यानी 32 लाख 88 हजार रुपए का टेंडर पेश किया. उ्नत दर सबसे कम हाेने के चलते उसे मंजूरी दी गई. पिछले सप्ताह मनपा की स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया गया, मगर बैठक स्थगित हाे जाने की वजह से प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया जा सका. इस विषय पर अगले सप्ताह निर्णय लिए जाने की संभावना है. एंटीवायरस सिस्टम कमजाेर हाेने की वजह से मनपा के स्मार्ट सिटी प्राेजे्नट पर साइबर अटैक हुआ व बड़े पैमाने पर डेटा इन्क्रिप्ट किया गया. यह शिकायत 15 दिन पहले ही पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी.
 
 
शिकायत में कहा गया है कि टेक महिंद्रा, क्रिस्टल इंटिग्रेटेड एवं आरसिस इन्फा कंपनी काे स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी साैंपी गई है.
इन कंपनियाें की लापरवाही की वजह से ही यह घटना घटी. पुलिस जांच में भी इन कंपनियाें द्वारा लापरवाही बरते जाने की बात उजागर हुई है. इसके बावजूद इन कंपनियाें की संचालक मुंबई स्थित मेसर्स वाेल्कसा टे्ननाे साेल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी काे मनपा भवन के कम्प्यूटर व सर्वर के लिए एंटीवायरस सपाेर्ट सिस्टम की खरीदी के लिए काॅन्ट्रै्नट दिए जाने का प्रस्ताव मनपा आयु्नत ने खुद स्थायी समिति में पेश किया है. महापाैर उषा ढाेरे ने एक पत्र द्वारा मनपा आयु्नत से इस प्रस्ताव काे रद्द करने की मांग की है, मगर मनपा आयु्नत ने महापाैर के पत्र पर काेई कार्यवाही नहीं की. उल्लेखनीय है कि जिस कंपनी काे काॅन्ट्रै्नट दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है, उस कंपनी का संचालक तथा जिस कंपनी की लापरवाही की वजह से साइबर अटैक हुआ उस क्रिस्टल इंटीग्रेटेड कंपनी का संचालक एक ही व्य्नित है.
 
 
साइबर अटैक मामले में मनपा की दुनियाभर में बदनामी हुई है. स्मार्ट सिटी प्राेजे्नट का डेटा असुरक्षित हाे गया है. साइबर अटैक करने वाले लाेगाें ने एक महीने तक लगातार सिस्टम क्रैक करने का प्रयास किया. इस विषय में इन तीनाें कंपनियाें के पास प्राथमिक जानकारी भी नहीं है.इन तीनाें कंपनियाें की लापरवाही साबित हाे जाने के बावजूद अब फिर इन्हीं कंपनियाें काे सुरक्षा की जिम्मेदारी साैंपी जा रही है. सवाल उठाया जा रहा है कि जाे कंपनी स्मार्ट सिटी का डेटा सुरक्षित नहीं रख पाई, वह मनपा के सभी विभागाें का डेटा किस तरह सुरक्षित रख पाएगी? महापाैर उषा ढाेरे ने इस विषय में 22 मार्च काे मनपा आयु्नत काे पत्र दिया था. पत्र में कहा गया था कि इस प्राेजे्नट के लिए जारी किया गया टेंडर 52% व 48% कम दर का हाेने के चलते इस विषय में लिया गया निर्णय ही गलत है.क्या  पिंपरीचिंचवड़ मनपा द्वारा निर्धारित दर से बहुत ही कम कीमत पर सप्लाई किया जाने वाला एंटीवायरस सिस्टम सुरक्षित रहेगा? इस सवाल काे दृष्टि में रखते हुए टेंडर रद्द किए जाने की मांग महापाैर ने मनपा आयु्नत से की थी, मगर उन्हाेंने इस पत्र काे लेकर काेई कार्यवाही नहीं की.