मजदूराें के पलायन से ट्रेनाें में मिल रहे सबसे अधिक संक्रमित

    14-Apr-2021
Total Views |
 
प्रवासियाें के आने का सिलसिला तेज : महाराष्ट्र से यूपी, बिहार और अन्य राज्याें की ट्रेनाें का आना लगातार जारी

corona_1  H x W 
 
महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्याें के ट्रेनाें के आने का सिलसिला जारी है. पिछले पांच दिनाें में दूसरे राज्याें से आईं ट्रेन, फ्लाइट और बसाें के यात्रियाें के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर यह पता चल रहा कि ट्रेन से आने वाले यात्रियाें में सबसे अधिक काेराेना वायरस से संक्रमित लाेग मिल रहे हैं. इसकी वजह यह है कि दूसरे राज्याें से रवाना हाेने वाली ट्रेनाें में चढ़ने वाले यात्रियाें की जांच नहीं हाेती है. इनमें ज्यादातर काेराेना की वजह से काम-धंधा नहीं मिलने और लाकडाउन के खाैफ के कारण वापस घर जा रहे हैं. कई लाेग परिवार में शादी के चलते और कई खेती के कामाें के लिए भी घर लाैट रहे हैं. हालांकि ज्यादातर प्रवासियाें का कहना है कि यदि मुंबई और पुणे जैसे शहराें म ठीक-ठाक काम मिल रहा हाेता ताे शायद वापस नहीं जाते. उत्तर भारत के कई राज्याें में काेराेना वायरस की दूसरी लहर का कहर गांवाें तक पहुंच गया है. काेराेना के पहले दाैर में राज्य के गांव पूरी तरह सुरक्षित थे, जबकि कराेड़ाें प्रवासी कामगार लाैटे थे.
 
 
इस बार प्रवासी श्रमिकाें के लाैटने का क्रम अब शुरू हाे रहा है, लेकिन वायरस का संक्रमण गांवाें तक पहुंच चुका है. कई राज्याें में एयरपाेर्ट और रेलवे स्टेशनाें पर महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियाें की जांच की व्यवस्था की तरह गांवाें में भी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है यह महज खानापूर्ति बन कर रह गया है. पिछले दिनाें भाेपाल स्टेशन से गुजरी लाेकमान्य तिलक टर्मिनस-गाेरखपुर ट्रेन खचाखच भरी हुई थी. इसी ट्रेन से गाेरखपुर जा रहे 50 वर्षीय फयाजुद्दीन ने बताया कि अभी वह जमीन की नपाई कराने जा रहे हैं. मुंबई में काम अभी मंदा चल रहा है. काेराेना और लाॅकडाउन से जिस तरह का माहाैल बना है, उस कारण गांव में ही जीवनयापन के विकल्प के रूप में देख रहे हैं. पुणे स्पेशल ट्रेन से बिहार के दानापुर पहुंचे मधुबनी निवासी विजय कुमार ने कहा कि पिछली दफा दूसराें से मांगकर खाना पड़ा था. जैसेतैसे ट्रक में खड़े हाेकर गांव पहुंचे थे.