सभी कार्यक्रमाें में सरकारी नियमाें का पालन करें, खरीदारी के लिए बाजाराें में भीड़ न करे
मुस्लिम समुदाय का पवित्र रमजान महीना आज (14 अप्रैल, बुधवार) से शुरू हाे रहा है. इस दाैरान दिन में पांच समय की नमाज और रात्रि की विशेष तरावीह की नमाज काे पढ़ने के लिए मस्जिद या किसी खाली जगह पर एकत्रित न हाेने तथा रमजान का महीना अत्यंत ही सादगी से मनाने के निर्देश राज्य सरकार ने दिए हैं. इसके स्थान पर घर पर ही रहकर नमाज पढ़ें और रमजान महीना भी अत्यंत सादगी से मनाएं. राज्य शासन ने निर्देशाें में बताया है कि, सार्वजनिक स्थानाें पर एक ही समय में पांच से अधिक लाेग एकत्रित न हाें और साेशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का पालन कड़ाई से करें. मास्क और सेनिटाइजर का उपयाेग भी करें. इसके अलावा सेहरी और इफ्तार के लिए भी फल विक्रेता अलग अलग स्थानाें पर एकत्रित न हाें. इस ओर भी स्थानीय प्रशासन ध्यान दें. इफ्तार के लिए इकट्ठा न हाेने के निर्देश दिए गए हैं.
रमजान के सभी धार्मिक कार्यक्रम ऑनलाइन पद्धति से आयाेजित किए जाएं और रमजान के अंतिम शुक्रवार काे दुआ पढ़ने (अलविदा जुम्मा) की प्रथा है, लेकिन काेराेना के कारण मस्जिद में एकत्रित न हाें. इसके बजाय अपने घर पर ही दुआ करें. शब-ए-कद्र यह पवित्र रात रमजान के 26वें दिन मनाने की प्रथा है, लेकिन इसे भी घर पर ही रहकर मनाएं. रमजान के अवसर पर कपड़े और अन्य वस्तुएं खरीदने के लिए बाजार में भीड़ न करें. पिछले साल की तरह ही रमजान काे सादगी से मनाएं. इसके साथ ही जुलूस और सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमाें पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. यह भी शासन ने स्पष्ट किया है. घर पर ही नमाज अदा करें काेराेना ने सभी ओर कहर ढा रखा है. इस वजह से शासन और प्रशासन पर भी तनाव है. इस वैश्विक महामारी का सामना करने के लिए हमें भी स्वयं नियमाें का पालन करना चाहिए तथा नमाज और इफ्तार घर पर ही करें और रमजान के कार्यक्रम ऑनलाइन करें. यह अपील मुस्लिम सत्यशाेधक समाज मंडल के अध्यक्ष डाॅ. शमसुद्दीन तांबाेली ने की है.