पुणे की अपूर्वा यादवाडकर की पुस्तक ‘द विजनरी पेरेंट’ विमाेचित

    14-Apr-2021
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 Apurva Tare Yadwadkar's
 
 माता-पिता बनना जीवन की सबसे महती जिम्मेदारियाें में से एक है. इसमें निहित संपूर्ण स्वरूप और निरंतर चुनाैतियां मनुष्य के अंदर के अनूठे व्यक्तित्व काे बाहर निकालता है. अगर इस अति महत्वपूर्ण भूमिका काे सही तरीके से निभाया जाए ताे बालक अद्भुत और अच्छी तरह से संतुलित वयस्क बनता है. रिश्ताें के अहम पड़ाव की उलझनाें काे दूर करती पुणे की युवा लेखिका अपूर्वा तरे-यादवाडकर की पुस्तक ‘द विμजनरी पेरेंट’ का पिछले दिनाें विमाेचन हुआ. इसमें बच्चे के मनाेविज्ञान समझने से लेकर उसी ढ़ांचे में संबंधाें काे सशक्त तरीके से गूंथने के सिलसिले काे सबसे बेहतरीन तरीके से पिराेया गया है.
 
 
माता-पिता के रूप में हम अपने बच्चाें के लिए एक सकारात्मक व पाेषक वातावरण चाहते हैं, परंतु यह दुखद है कि, बहुत ही कम माता-पिता इस गूढ़ वास्तविकता और रिश्ताें के अनूठे संयाेजन काे जानते हैं या उसके प्रति उनमें उतनी जिज्ञासा हाेती है. अपूर्वा यूं ताे एक इंजीनियर हैं, लेकिन उससे अधिक वे अभिभावक, विज्ञान की काेच और छात्र परामर्शदाता हैं. उन्हाेंने पुणे से ही साइकाेलाॅजी में पाेस्ट- ग्रेजुएट तक पढ़ाई की. आज वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ हैं. वे एक बेटी की मां ही नहीं, बल्कि रिश्ताें काे सरल और सहज स्वरूप में पेश करनेवाली शख्सियत हैं जाे विभिन्न क्षेत्राें में नाम कमा रही हैं. उनकी अब तक की कृतियाें, पुस्तकाें काे जानने के लिए https://www.thevisionaryparent.comकाे अवश्य विजिट करें.