बाबा रामदेव काे इंडियन मेडिकल एसाेसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने लीगल नाेटिस जारी किया है. एसाेसिएशन ने कहा कि, बाबा रामदेव एलाेपैथी का ‘एफ तक नहीं जानते. हम उनके सवालाें के जवाब देने काे तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी याेग्यता ताे बताएं. उन्हाेंने कहा कि, अगर बाबा 15 दिनाें के भीतर माी नहीं मांगेंगे ताे उनके खिलाफ एक हजार कराेड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा.आईएमए उत्तराखंड के सचिव डाॅ.अजय खन्ना ने कहा कि, वे बाबा रामदेव से आमने-सामने बैठकर सवाल-जवाब करने काे तैयार हैं. बाबा रामदेव काे एलाेपैथी के बारे में रत्ती भर भी ज्ञान नहीं है. इसके बावजूद वे पैथी और उससे जुड़े डाॅक्टराें के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.
उन्हाेंने कहा कि, इससे दिन रात मरीजाें की सेवा में जुटे डाॅक्टराें का मनाेबल गिरा है. बाबा रामदेव हमेशा से बीमारियाें और उनके इलाज काे लेकर अवैज्ञानिक दावे करते रहे हैं. वे कैंसर का इलाज करने का दावा करते हैं.अगर ऐसा है ताे उन्हें इस खाेज के लिए नाेबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए. याेग गुरु बाबा रामदेव ऐलाेपैथी और डाॅक्टर्स पर दिए अपने विवादास्पद बयान काे लेकर लगातार मुश्किल में फंसते जा रहे हैं. इसी बीच इंडियन मेडिकल एसाेसिएशन (आईएमए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी काे पत्र लिखकर रामदेव की शिकायत की है. आईएमए ने चिट्ठी में लिखा है कि पतंजलि के मालिक रामदेव के वैक्सीनेशन पर गलत सूचना के प्रचार काे राेका जाना चाहिए.