काेराेना से ठीक हाे चुके लाेगाें काे 1 डाेज काफी

    31-May-2021
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BHUके वैज्ञानिकाें का दावा: PM माेदी काे चिठ्ठी लिखकर दी जानकारी
 

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के वैज्ञानिकाें ने अपनी स्टडी में पाया है कि एक बार काेराेना से संक्रमित हाे चुके लाेगाें काे वैक्सीन की एक डाेज ही पर्याप्त है. ऐसे लाेगाें में वैक्सीन की पहली खुराक 10 दिन के अंदर पर्याप्त एंटीबाॅडी बना देती है. ये एंटीबाॅडी काेराेना से लड़ने में कारगर हाेती हैं. जबकि जाे काेराेना संक्रमित नहीं हुए हैं उनमें वैक्सीन लगने के बाद एंटीबाॅडी बनने में 3 से 4 हफ्ते का समय लगता है.वैज्ञानिकाें ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी काे पत्र लिख कर सुझाव दिया है कि काेराेना से ठीक हाे चुके लाेगाें के लिए वैक्सीन का एक डाेज ही अनिवार्य रखें. अब तक दाे कराेड़ से ज्यादा लाेग काेविड-19 से ठीक हाे चुके हैं. अगर इन्हें केवल एक डाेज ही लगाया जाए ताे वैक्सीन का संकट भी कम हाे जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लाेगाें तक समय से वैक्सीन पहुंच सकेगी.
 
बीएचयू के जूलाॅजी विभाग के प्राे. ज्ञानेश्वर चाैबे ने बताया कि हाल ही में 20 लाेगाें पर एक पायलट स्टडी की गई थी.यह स्टडी शाेध काेविड के लिए जिम्मेदार SRS-cov2 वायरस के खिलाफ नेचुरल एंटीबाॅडी के राेल और इसके फायदाें की जानकारी देती है. स्टडी में पता चला कि काेराेना वैक्सीन की पहली खुराक उन लाेगाें में तेजी से एंटीबाॅडी बनाती है जाे काेविड पाॅजिटिव थे. जबकि, जाे काेराेना संक्रमित नहीं हुए उनमें वैक्सीन लगवाने के बाद 21 से 28 दिन में एंटीबाॅडी विकसित हाेती है. प्राे. चाैबे ने बताया कि स्टडी से यह भी साफ हुआ है कि संक्रमण से ठीक हाेने के कुछ महीनाें के बाद व्यक्ति अपनी एंटीबाॅडी खाे देता है. भारत अपनी 70-80 कराेड़ आबादी का टीकाकरण करने की काेशिश कर रहा है. दूसरी तरफ वैक्सीन निर्माता कंपनियाें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायाेटेक की उत्पादन क्षमता सीमित है.