नकली उत्पादाें के मामलाें में वार्षिक 20% की वृद्धि

    10-Jun-2021
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शराब, तम्बाकू, FMCG मुद्रा एवं फार्मास्युटिकल्स पर सबसे ज्यादा प्रभाव

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देश में नकली और अवैध तरीके से लाए गए उत्पादाें के मामलाें में पिछले तीन वर्षाें में वार्षिक 20 फीसदी की बढ़ाेतरी दर्ज की गई है.विश्व एंटी- काउन्टरफीट दिवस के अवसर पर एएसपीए द्वारा जारी अपनी नई रिपाेर्ट ‘द स्टेट ऑफ काउन्टरफीटिंग इन इंडिया-2021 में खुलासा किया गया है.इसमें कहा गया है कि भारत में जालसा जी एवं नकली उत्पादाें के मामलाें की संख्या साल 2018 और 2020 के बीच साल दर साल औसतन 20 फीसदी की दर से बढ़ी है जिन पांच प्रमुख क्षेत्राें पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है, उनमें शराब, तम्बाकू, एफएमसीजी-पैकेज्ड सामान, मुद्रा एवं फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं.
 
इन क्षेत्राें में दर्ज किए गए मामले जालसा जी एवं नकली उत्पादाें के कुल मामलाें का 84 फीसदी से भी अधिक हैं.अवैध शराब, तम्बाकू उत्पादाें की तस्करी और काेविड-19 के दाैरान फार्मास्युटिकल उत्पादाें खासताैर पर जाली पीपीई किट एवं सैनिटाइ जर के मामलाें में जबरदस्त बढ़ाेतरी हुई. राज्याें की बात करें ताे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखण्ड और हरियाणा शीर्ष पायदान के राज्याें में से हैं, जहां दर्ज किए गए मामलाें के संदर्भ में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, इन मामलाें का विस्तृत विश्लेषण कर सख्त जालसा जी विराेधी नीति बनाने और लागू करने की जरूरी है.