यूपी के एटा में मनरेगा मजदूर बना गांव का प्रधान

    14-Jun-2021
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धन-बल वालाें काे परास्त कर अब बना रहा है विकास का खाका
 

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धन-बल का पर्याय बनते जा रहे ग्राम प्रधान चुनाव में एक मनरेगा मजदूर की जीत ने मिथक ताेड़े हैं.जलेसर ब्लाॅक क्षेत्र की ग्राम पंचायत बेरनी में विजय सिंह प्रधान चुनने के बाद गांव के कायाकल्प का खाका तैयार कर रहे हैं.पूरे चुनाव में उन्हाेंने नामांकन पर ही तय धनराशि खर्च की. चुनाव प्रचार बिना खर्च लाेगाें के हाथ जाेड़कर किया. इसके बावजूद व्यवहार के दम पर लाेगाें ने उन्हें अन्य धनी प्रत्याशियाें पर वरीयता दी. ग्राम पंचायत में बेरनी के अलावा शाहगढ़ी, नगला राधे, रामरायपुर गांव शामिल हैं. आबादी करीब 3552 है. सवर्ण बहुलता में हैं. इस बार प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था.
 
मनरेगा व दिहाड़ी पर मजदूरी करने वाले विजय सिंह ने गांव वालाें के कहने पर परचा भर दिया. टूटे-फूटे घर में मरम्मत कराने लायक पैसे नहीं थे ताे चुनाव प्रचार में क्या खर्च करते. पैदल घूमते हुए पैर छूकर और हाथ जाेड़कर वाेट मांगे. परिणाम सामने आए ताे विराेधी ही नहीं, उनके समर्थक भी चाैंक गए. कड़े मुकाबले में वह 52 मताें से विजयी हुए. चुनाव विजय सिंह के लिए आसान नहीं था. कुल पांच प्रत्याशियाें में सरवीर सिंह और पुष्पा देवी काफी मजबूत स्थिति में थे.सरवीर दाे बार प्रधान रह चुके थे जबकि पुष्पा देवी के परिजन पुलिस महकमे में हैं.