विवाहेतर संबंध हाेने पर भी बच्चे पर है मां का हक

    04-Jun-2021
Total Views |
 
पंजाब एवं हरियाणा हाईकाेर्ट ने दिया फैसला
 
 
 
HC_1  H x W: 0
यदि काेई महिला विवाहेतर संबंध में है, ताे भी बच्चे काे अपने पास रखने के उसके हक काे खारिज नहीं किया जा सकता.किसी महिला के दूसरे शख्स से संबंध के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि, वह अच्छी मां साबित नहीं हाेगी. बच्चे की कस्टडी काे लेकर एक मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकाेर्ट ने यह आदेश दिया है.अदालत का कहना है कि, एक पितृसत्तात्मक समाज में अ्नसर ही महिला के चरित्र काे लेकर सवाल उठा दिए जाते हैं और कई बार इनका काेई आधार भी नहीं हाेता है. पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले की महिला ने अर्जी दाखिल कर अपनी साढ़े 4 साल की बेटी की कस्टडी मांगी थी, जबकि वह अपने पति से अलग हाे चुकी है, जाे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है.हाईकाेर्ट के जस्टिस अनूपिंदरसिंह ग्रेवाल ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, बच्ची काे महिला काे साैंपा जाना चाहिए, जाे फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में ही रह रही है.
 
महिला से अलग हाेकर रह रहे पति ने आराेप लगाया था कि, उसकी पत्नी एक रिश्तेदार के साथ विवाहेतर संबंध में है. इस पर अदालत ने कहा कि, यह एक मनगढ़ंत बयान लगता है. इसके समर्थन में काेई सबूत नहीं पेश किया गया है. कई बार पितृसत्तात्मक समाज में महिला पर यूं ही चरित्रहीन हाेने का लांछन लगा दिया जाता है, जबकि कई बार इसका काेई आधार भी नहीं हाेता. याचिका में महिला ने कहा था कि, उनकी शादी 2013 में हुई थी. पति ऑस्ट्रेलिया नागरिक है और इसके चलते वह भी ऑस्ट्रेलिया ही चली गई थीं.दाेनाें के यहां जून, 2017 में एक बेटी का जन्म हुआ था. हालांकि कुछ वक्त बाद दाेनाें में अनबन शुरू हाे गई और फिर अलग ही रहने लगे. महिला ने कहा कि, जनवरी 2020 में हम भारत आए थे, लेकिन उसके बाद पति बेटी काे लेकर वापस ऑस्ट्रेलिया चला गया, जिसकी कस्टडी मुझे चाहिए.