अतिर्नित मनपा आयु्नत रूबल अग्रवाल ने कहा- 622 कार्डधारकाें काे भेजा गया नाेटिस
गरीब परिवार के पुणेवासियाें के उपचार के लिए पुणे मनपा द्वारा दस वर्ष पहले शुरू किए गए शहरी गरीब याेजना की समीक्षा करने की शुरुआत की गई है. पहला चरण इस याेजना के लाभार्थियाें द्वारा कार्ड के लिए पेश की गई इन्कम सर्टिफिकेट के अनुसार है या नहीं? इसकी जांच शुरू की गई है.इसके लिए प्राॅपर्टी टै्नस डिपार्टमेंट ने रजिस्ट्रेशन के जांच की शुरुआत की है. अब तक हुई जांच में 622 प्राॅपर्टी वाले कार्डधारक नियम से मनपा की प्राॅपर्टी टै्नस भर रहे हैं, उन्हें नाेटिस भेजा जाएगा.मनपा द्वारा एक लाख रुपए तक वार्षिक इन्कम वाले नागरिकाें के उपचार के लिए दस वर्ष पहले शहरी गरीब याेजना शुरू की गई थी. इस याेजना के तहत उपचार के लिए एक लाख रुपए तक का खर्च मनपा देती है. अब तक एक लाख से अधिक पुणेवासियाें काे इस याेजना का लाभ मिल चुका है.हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाें के उपचार के लिए हाल ही में एक लाख रुपए की सीमा बढ़ाकर दाे लाख रुपए कर दी गई.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए अतिर्नित मनपा आयु्नत रूबल अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार काे स्वास्थ्य याेजनाओं काे लेकर बैठक की गई. इस बैठक में शहरी गरीब याेजना सहित राज्य व केंद्र सरकार की याेजनाओं की समीक्षा की गई. पिछले वर्ष साढ़े 12 हजार नागरिकाें ने शहरी गरीब याेजना का कार्ड बनवाया था. इन कार्डधारकाेंं के बारे में इन्कम टै्नस डिपार्टमेंट से जानकारी प्राप्त करने की काेशिश की गई. लेकिन गाेपनीय कानून की वजह से उनकी जानकारी नहीं मिलने के कारण मनपा के प्राॅपर्टी टै्नस विभाग के रजिस्ट्रेशन के अनुसार जांच करने का काम शुरू किया गया है. इनमें 622 कार्डधारकाें के नाम पर शहर में प्राॅपर्टी हाेने की जानकारी सामने आई है. ये सभी लाेग नियमित रूप से प्राॅपर्टी टै्नस जमा करा रहे हैं.अभी भी साढ़े 6 हजार कार्ड की जांच चल रही है.जिन कार्डधारकाें की प्राॅपर्टी मिली है, उन्हें और उनके परिवार काे जवाब देने के लिए नाेटिस भेजा गया है. इनमें से जिनकी इन्कम एक लाख रुपए से अधिक है उनके खिलाफ आगे की कार्यवाही की जाएगी.