आयरन मैन प्रतियोगिता ने दी अनुशासन और सेल्फ एचिवमेंट की संतुष्टि

    22-Sep-2021
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सुविख्यात कोच और खिलाड़ी कौस्तुभ राड़कर ने व्यक्त की भावना
 
एक ही महीने में 3 आयरन मैन प्रतियोगिता पूर्ण करने की उपलब्धि हासिल
 
कहा - फिटनेस, अभ्यास और लक्ष्य पर फोकस करने पर सफलता मिल सकती है
 
प्रभात रोड, 20 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क, पुणे)
 
आयरन मैन प्रतियोगिता हमारी कठिनता का स्तर को परखने वाली होती है. इसलिए पूरी दुनिया के गिने-चुने लोग ही यह प्रतियोगिता पूर्ण कर सकते हैं. लेकिन इस प्रतियोगिता ने मुझे अनुशासन और सेल्फ एचीवमेंट की संतुष्टि दी है. खुद को चुनौती देते रहना अपनी शारीरिक व मानसिक क्षमता की जांच और उसे बढ़ाने के लिए यह प्रतियोगिता उपयुक्त साबित हुई है, यह भावना पुणे के सुविख्यात आयरन मैन कौस्तुभ राडकर ने व्यक्त की है. पिछले महीने में (अगस्त 2021) कौस्तुभ ने तीन आयरन मैन प्रतियोगिताएं पूर्ण की है. इसको लेकर कौस्तुभ ने दै. ‘आज का आनंद’ से खास बातचीत की. इसमें उन्होंने यह प्रतियोगिता, उसकी तैयारी और उसकी उपयुक्तता के संबंध में अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं. मूलतः पुणेवासी रहे कौस्तुभ 1995 से 2001 के दौरान स्वीमिंग के नेशनल चैम्पियन थे.
 
स्वीमिंग से संबंधित स्कॉलरशिप लेकर वे 2001 के दौरान अमेरिका में पढ़ाई के लिए गए. वहां इंडियाना यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वानिया में उन्होंने एक्जरसाइज साईंस विषय में बी. एससी. तथा कार्डिओवैस्क्युलर फिजिऑलॉजी विषय में यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन से एम. एससी. की पढ़ाई की. फिर उन्होंने जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन विषय में एमबीए पीएचडी की है. स्वीमिंग करते हुए और कुछ हटकर और अनूठा करने की चाहत में कौस्तुभ ने अपनी खोज शुरू की.
 
कौस्तुभ ने बताया कि, फिटनेस बनाए रखने के लिए दौड़ना एक विकल्प था. इसलिए मैंने 2006 में न्यूयॉर्क सिटी मैरेथन में हिस्सा लिया. और भी कुछ अलग और कुछ चुनौतीभरा करना चाहिए, इस विचार से आगे मुझे आयरन मैन प्रतियोगिता की जानकारी मिली. नवंबर 2008 में मैंने पहली आयरन मैन स्पर्धा पूर्ण की. दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्होंने कुल 28 बार अथवा एक ही महीने में तीन बार आयरन मैन पूर्ण की है. इस प्रतियोगिता ने मुझे खुद को ही चुनौती देना सिखाया है तथा और क्या-क्या मैं कर सकता हूं? इसका आत्मविेशास दिया. कौस्तुभ ने अब तक कुल 28 आयरन मैन प्रतियोगिताएं पूर्ण की हैं जबकि एक ही महीने में तीन प्रतियोगिताएं पूर्ण करने की अनूठी उपलब्धि उन्होंने पिछले महीने में हासिल की.
 
कौस्तुभ ने कहा कि, आयरन मैन में स्वीमिंग, साइकिलिंग और दौड़ने की तीन प्रतियोगिता 17 घंटों में पूर्ण करने की चुनौती होती है. इसलिए तीनों प्रकारों का अभ्यास लगातार करते रहना, यही बड़ी चुनौती होती है. मैं ये तीनों प्रकार हर दिन निश्चित समय पर करता हूं जिससे फिटनेस कायम रहता है. एक प्रतियोगिता की तैयारी करने के लिए लगभग 6 से 9 महीनों की तैयारी करनी पड़ती है. मैं मूलतः तैराक हूं इसलिए यह आसान लगता है, लेकिन इस तुलना में साइकिलिंग मुश्किल लगती है.

पूरी दुनिया में एक वर्ष में कुल 40 प्रतियोगिताएं होती हैं
 
 
पूरी दुनिया में एक वर्ष में कुल 40 प्रतियोगिताएं होती हैं. इसमें आरंभ में 3.8 किलोमीटर तैरना, उसके बाद 180 किलोमीटर साइकिल चलाना और आखिर में 42.2 किलोमीटर दौड़ने का फॉरमॅट एक जैसा ही होता है. साथ ही यह पूरी प्रतियोगिता केवल 17 घंटों में पूरी करनी होती है. प्रतियोगिता का लगभग 70% हिस्सा साइकिलिंग का होने के कारण उसका अधिक अभ्यास करना पड़ता है. विदेशों में जहां आयरन मैन प्रतियोगिता होती है, वहां इस प्रतियोगिता के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं. लेकिन हमारे यहां वे नहीं हैं.
 
स्वीमिंग की तैयारी के लिए आवश्यक ओपन वॉटर तक एक्सेस नहीं है और साइकिल ट्रैक पर्याप्त नहीं हैं अथवा सड़कों पर वैसी सुरक्षा नहीं हैं, यह मुख्य समस्या है. इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे नए खिलाड़ियों को मैं बताता हूं कि पहले छोटे ट्राइथेलॉन से शुरुआत करो. उसमें भी फोकस कायम रखो. सही ट्रेनिंग, पर्याप्त समय देना, डाएट, ओपन वॉटर में पहुंचने का आत्मविेशास बढ़ाना जैसी कुछ बातों पर बल देना चाहिए. ऐसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना हो तो कोई भी चीज कैज्युएली नहीं ली जा सकती. खासकर फिटनेस बनाए रखने के लिए जीभ पर नियंत्रण होना चाहिए.
 
- कौस्तुभ राडकर, क्रीडा प्रशिक्षक +917887883211