चुनाव से पहले सत्ताधारी भाजपा द्वारा उपसुझावों की बरसात

    22-Sep-2021
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4 विषयों पर 27 उपसुझाव ः विपक्ष के आरोप - 40 से 50 करोड़ रुपए का मनमाना क्लासिफिकेशन
 
पिंपरी, 21 सितंबर (वि.प्र.)
 
पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के आगामी आम चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी भाजपा जाते-जाते उपसुझावों की बरसात करा रही है. मंगलवार को संपन्न जनरल बॉडी मीटिंग के एजेंडे में 13 विषय मंजूरी के लिए आए थे. इनमें से चार प्रस्तावों पर भाजपा ने 27 उपसुझाव दिए यानी एक विषय के लिए छह से सात उपसुझाव दिए गए. यहां तक कि उपसुझाव पढ़े भी नहीं गए. सत्ताधारियों से प्रमोशन, पदों का निर्माण और प्रावधानों के क्लासिफिकेशन के लिए उपसुझाव दिए गए.
 
इस बीच, विरोधियों ने आरोप लगाया कि उपसुझावों का पता नहीं लगने दिया जाता. उपसुझावों के माध्यम से सत्ताधारी काला कारोबार कर रहे हैं. भाजपा का एकमात्र काम टेंडर जारी कर परसेंटेज कमाना है. पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की सितंबर महीने की जीबी मीटिंग सोमवार को ऑनलाइन संपन्न हुई. ऑनलाइन सभा का फायदा उठाते हुए भाजपा ने उपसुझावों की बरसात कर दी. मनपा के आगामी चुनाव फरवरी 2022 में होने की संभावना है. इसलिए दिसंबर में आचार संहिता लागू हो सकती है.
 
 
अब केवल तीन जीबी मीटिंग होने की संभावना है. इसके मद्देनजर भाजपा द्वारा उपसुझावों की बरसात की जा रही है. विरोधी खेमे में होने के समय भाजपा ने उपसुझाव लेने के कारण तत्कालीन सत्ताधारी राष्ट्रवादी कांग्रेस को निशाना बनाया था. उपसुझावों के जरिये बड़ा भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया था. लेकिन सत्ता में आते ही भाजपा को इन आरोपों की याद नहीं रही. राष्ट्रवादी से एक कदम आगे बढ़ते हुए भाजपा ने उपसुझावों की झड़ी लगा दी. हर जीबी में और लगभग हर विषय पर भाजपा द्वारा उपसुझाव दिए जाते हुए नजर आते हैं. सितंबर माह की ऑनलाइन बैठक के एजेंडे में मंजूरी के लिए 13 विषय थे जिनमें से चार को भाजपा ने 27 उपसुझाव दिए.
 
 
इनमें से एक या दो उपसुझाव ही पढ़े गए. इस तरह सत्ताधारियों ने ऑनलाइन बैठक का फायदा उठाया. चुनाव से पहले उपसुझावों के माध्यम से अधिकारियों को प्रमोशन देकर खुश किया जा रहा है. नए पद बनाए जा रहे हैं. वार्ड में प्रावधानों के क्लासिफिकेशन के विषय खुले-आम रखे जा रहे हैं. इससे फंड की कशमकश चल रही है. इस ऑनलाइन बैठक में उपसुझावों को नहीं पढ़ा गया. इसलिए नगरसेवकों को उपसुझावों की जानकारी नहीं मिली. बैठक में लगभग 40-50 करोड़ रुपये के प्रावधानों का क्लासिफिकेशन किया गया.
 
 
विरोधियों ने आरोप लगाया कि सत्ताधारियों ने मनमानी तरीके से उपसुझाव दिए. एनसीपी के वरिष्ठ नगरसेवक योगेश बहल ने कहा कि विषयों की तुलना में उप-सुझाव अधिक हैं. एजेंडे में 13 विषय थे. इनमें से चार को भाजपा ने 27 उपसुझाव दिए. यह क्या माजरा है? उपसुझाव बिना पढ़े डाले जाते हैं. कई उपसुझाव विषय के अनुरूप नहीं हैं. किसी भी विषय को कोई भी उपसुझाव दिया जाता है. कुछ भी नहीं देखा जाता कि क्या जगह पर कब्जा है या नहीं? टेंडर निकालना और पैसा कमाना यही भाजपा का धंधा है. सदन के नेता विधायक की कठपुतली हैं. भाजपा को उपसुझावों के माध्यम से राज्य के मामलों को चलाने का अधिकार किसने दिया?
 
प्रदेश अध्यक्ष का आदेश ताक पर रखा
 
पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की जीबी में दिए गए उपसुझाव कुछ भी होते हैं. बाकी सदस्यों को उपसुझावों की जानकारी न होने के कारण उनकी शिकायतें होती हैं. इसलिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने फरवरी 2020 में पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि जीबी में कोई भी उपसुझाव न रखें और न ही लें. उसके बाद भी उपसुझावों को स्वीकार कर लिया गया था. पाटिल ने चेतावनी दी थी कि अगर उपसुझाव स्वीकार किए गए तो पार्टी की ओर से कार्रवाई की जाएगी. कुछ समय के लिए उपसुझाव बंद हो गए थे. उसके बाद उपसुझावों की झड़ी फिर से शुरू हो गई. इस तरह मनपा में भाजपा पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष का आदेश ताक पर रख दिया है.