रीढ़ के हड्डी की समस्या में समय गंवाए बिना डॉक्टर की सलाह लें

साईश्री हॉस्पिटल के मिनिमैली इन्वेसिव स्पाइन सर्जन डॉ. केतन देशपांडे द्वारा जानकारी

    22-Jan-2022
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डॉ. केतन देशपांडे
मिनिमैली इन्वेसिव स्पाइन सर्जन
डीपी रोड, औंध, पुणे 411007
फोन:  020-67448600/25888600
मोबा:  9689930608/12
web : www. saishreehospital.org
 
 रीढ़ की हड्डी का दर्द बेहद परेशानी का कारण होता है. आमतौर पर बुजुर्गों में यह समस्या देखी जाती है लेकिन ऐसा नहीं कि युवाओं में यह नहीं होता. रीढ़ की समस्याओं की कई वजहें होती हैं. इसे रोकने के कई उपाय हैं और इनका इलाज भी अब संभव है. हालांकि, इसके लिए समय पर डायग्नोसिस और उपचार लेना अत्यंत आवश्‍यक है. साईश्री हॉस्पिटल के वरिष्ठ स्पाइन सर्जन और विशेषज्ञ डॉ. केतन देशपांडे से इस बारे में कुछ लोगों ने सवाल पूछे थे. उनके उत्तर देकर डॉ. देशपांडे ने उनके संदेहों का निवारण किया है.
 
मेरी दादी को चलने में दिक्कत होती है और उनके दोनों पैरों में दर्द भी होता है. हम अपने फैमिली फिजिशियन से मिले तो उन्होंने हमें स्पाइन एमआरआई करवाने पर जोर दिया. ऐसा क्यों? क्या हमें इसे करवाना चाहिए?
 
उत्तर : दोनों टांगों में दर्द और चलने में कठिनाई यह कई बार नसों से संबंधित बीमारी का लक्षण होता है. चूंकि टांगों को आपूर्ति करने वाली नसें रीढ़ से निकलती हैं, इसलिए कहीं रीढ़ से निकलने वाली नसों में कोई दबाव (Compression) या सूजन तो नहीं है? यह देखने के लिए एमआरआई करवानी पड़ती है.
 
डॉक्टर, मैं अपने पिताजी के संदर्भ में उम्र से संबंधित हड्डियों की समस्याओं के बारे में पढ़ रहा था. इस दौरान मेरे पढ़ने में लम्बर कैनाल स्टेनोसिस  यह शब्द आया. एक लेख में मैंने पढ़ा है कि लम्बर स्टेनोसिस उम्र से संबंधित नहीं होता. क्या यह सही है? अगर ऐसा है तो 39 साल की उम्र में मुझे क्या करने की जशरत है?
 
उत्तर : स्पाइनल कैनाल स्टेनोसिस से पीड़ित अधिकांश मरीज बुजुर्ग होते हैं क्योंकि यह बीमारी रीढ़ की हड्डियों, डिस्क और लिगामेंट्स में होने वाली घट (Degeneration) का एक रूप होता है. इसके बावजूद यह बीमारी छोटी आयु वर्ग में भी हो सकती है, विशेष रूप से उन लोगों में जो नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते, जो जिनकी जीवनशैली कम गतिविधियों वाली होती है अथवा जो बहुत ही मोटे लोग होते हैं. इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और यह सुनिश्चित करने की आवश्‍यकता होती है कि हम सक्रिय रहें और अपनी कोर की मांसपेशियों की अच्छी तरह से देखभाल करें ताकि हमें कम उम्र में इस तरह की बीमारियां न हो.
 
डॉक्टर, क्या स्लिप डिस्क से पीड़ित कोई व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है? क्या सभी स्लिप डिस्क का स्वरूप दर्दनाक होता है?
 
उत्तर : यह प्रश्‍न ऐसा है जैसे क्या फ्लैट टायर वाली कार की सवारी कभी आराम से हो सकती है? इसका उत्तर स्पष्ट रूप से हां है. डिस्क पर असर करने वाली सभी बीमारियों का इलाज हो सकता है. अगर पहले चरण में इसका पता चल जाए तो इनमें से अधिकांश बीमारियों का इलाज दवाओं और फिजियोथेरेपी के जरिये किया जा सकता है. अगर इसका पता बाद में चला तो कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्‍यकता हो सकती है. सबसे खराब स्थिति में हम प्राकृतिक डिस्क को बदलकर पूरी तरह से कृत्रिम डिस्क लगा सकते हैं. इसलिए बीमारी का दायरा क्या है? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. डिस्क से संबंधित सभी बीमारियों का उपचार हो सकता है. आपके प्रश्‍न के दूसरे हिस्से के बारे में मैं कहूंगा कि सभी स्लिप्ड डिस्क दर्दनाक नहीं होते हैं. यह केवल तभी वेदनादायक होता है जब डिस्क का फिसला हुआ हिस्सा पैर में नीचे की ओर जाने वाली किसी नर्व रूट (Nerve root) को तकलीफ दे रहा हो अथवा रीढ़ की हड्डी को ही दबा रहा है.
 
सभी स्पाइन सर्जन सर्जरी का ही सुझाव क्यों देते हैं? क्या आप दवाई या इंजेक्शन नहीं दे सकते?
 
उत्तर : महोदय, मुझे यकीन है कि आपने यह मुहावरा जरूर सुना होगा कि रोकथाम इलाज से बेहतर होती है (Prevention is better than cure). लेकिन क्या आप ईमानदारी से कह सकते हैं कि आप इसका पालन करते हैं? इसी तरह अधिकांश लोग स्वस्थ आहार और व्यायाम के नियमों का पालन नहीं करते हैं और रीढ़ की समस्या का डायग्नोसिस होने के बाद भी स्पाइन कत्र्नसल्टेंट के पास नहीं जाते हैं बल्कि पेनकिलर और अत्र्नय प्रकार की दवाएं खुद ही लेते रहते हैं. यह करके वे महत्वपूर्ण प्रारंभिक अवधि (Initial period) खो देते हैं जिसमें किसी बीमारी को दवाओं, फिजियोथेरेपी और इंजेक्शन के जरिये पारंपरिक तरीके से संभाला जा सकता है. लेकिन वे वास्तव में बहुत देर के बाद किसी स्पाइन एक्सपर्ट से जांच करवाते हैं जब बीमारी पारंपरिक तरीके के काबू से बाहर चली जाए. फिर उत्र्नहें सर्जिकल उपचार की आवश्‍यकता होती है.
 
स्पाइनल स्टेनोसिस  में किन गतिविधियों से बचना चाहिए? अगर कोई स्पाइनल स्टेनोसिस का इलाज नहीं कराए तो क्या होगा?
 
उत्तर : स्पाइनल स्टेनोसिस यानी स्पाइनल कैनाल की घटी हुई परिधि होती है जो नर्व ट्रांसमिशन में बाधा बनती है. इसलिए झुकना, बैठना आदि जैसी रीढ़ पर दबाव डालने वाली सभी गतिविधियों से बचना चाहिए. अगर इस पर 6 महीने तक इलाज नहीं किया गया तो स्पाइनल नर्व्ज की रक्त आपूर्ति को स्थायी नुकसान होने की आशंका होती है जो अंततः पैरों में कमजोरी का कारण बनती है.
 
क्या रीढ़ की सर्जरी में उपयोग किए जाने वाले इम्प्लांट्स में जंग लगता है?
 
उत्तर : हीमोग्लोबिन बनाने और ऑक्सीजन का संचारण करने जैसे आवश्‍यक कार्य करने वाला प्राकृतिक लोहा (iron) हमारे रक्त में पहले से ही पर्याप्त रूप से होता है. भगवान की कृपा है कि उसने हमारे शरीर को जंग मुक्त बनाया है. इम्प्लांट्स में संबंधित किसी भी सर्जरी में उपयोग की जाने वाली धातुओं की बड़ी पैमाने पर टेस्टिंग की जाती है और इन पर शरीर के अंदरूनी तरल पदार्थों का असर नहीं होता. इसलिए चिंता न करें.
 
मेरी बड़ी बहन का स्पाइन एंडोस्कोपी का ऑपरेशन किया गया. डॉक्टर ने कहा था कि यह एक छोटी-सी सर्जरी होगी लेकिन इसे पूरा होने में लगभग 3 घंटे लग गए. ऐसा क्यों?
 
उत्तर : यह एक आम गलत धारणा है कि ऑपरेशन का समय और सर्जरी की गंभीरता का सीधा अनुपात होता है. कोई पत्थर तोड़ने वाला किसी पत्थर को मिनटों में तोड़कर चूर कर सकता है लेकिन उससे एक मास्टरपीस कलाकृति बनाने में समय लगता ही है.