गार्बेज कंटेनर रातों-रात हटाने से सड़कों पर लगा कचरों का ढेर

स्थायी समिति के सदस्यों ने उठाए कई सवाल; उचित प्रबंधन के अभाव में इंदौर पैटर्न की उड़ीं धज्जियां

    24-Jan-2022
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पिंपरी, 23 जनवरी (आ.प्र.)
 
इंदौर पैटर्न की तरह पिंपरी-चिंचवड़ शहर में स्वच्छ व सुंदर शहर के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है, इसके लिए हाउसिंग सोसायटियों, घर व दुकानों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग लिया जा रहा है. इसके लिए जागरुकता फैलाई जा रही है. लेकिन उचित प्रबंधन के अभाव से इस योजना की धज्जियां उड़ रही हैं. सभी कचरे की कुंडियां रातो-रात हटाने के कारण नागरिक सड़क पर कचरा फेंक रहे हैं. घंटा गाड़ियां पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हो रही हैं, इसको लेकर स्थायी समिति के सदस्यों ने मनपा प्रशासन से सवाल उठाए हैं.
 
स्थायी समिति की हाल ही में हुई जीबी में कचरे के मुद्दे को लेकर नगरसेवकों ने हंगामा किया. शहर में इंदौर पैटर्न के नाम पर जारी गंदगी को लेकर सदस्यों ने प्रशासन पर सवालों की बौछार कर दी. स्वच्छ व सुंदर शहर के लिए इंदौर पैटर्न अच्छा है, लेकिन उचित प्रबंधन के अभाव से शहर की सड़कों पर कचरे के ढेर दिखाई दे रहे हैं. कचरे की कुंडियां हटाने के कारण नागरिक अब सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं. घंटा गाड़ियों के समय पर नहीं आने के कारण नागरिक त्रस्त हो गए हैं. गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए नागरिकों के पास दो-दो डिब्बे नहीं हैं.
 
अधिकारी इंदौर का दौरा करके उस शहर की तरह योजना पर काम कर रहे हैं, लेकिन उसमें ही समन्वय नहीं होने के कारण नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है, यह आरोप सदस्यों द्वारा लगाया गया. भाजपा के सदस्य अंबरनाथ कांबले ने कहा कि म नपा के अधिकारियों ने चोरी-छिपे इंदौर का दौरा किया. सभी नगरसेवकों की राय जाने बिना इंदौर पैटर्न के नाम पर अचानक कचरे की कुंडियां हटाई गईं. भाजपा की नगरसेविका सुजाता पालांडे ने कहा कि इंदौर पैटर्न के काम के लिए मैन पॉवर की कमी है. गली-मोहल्लों में कचरे की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
 
स्थायी समिति के सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोप
 
इंदौर पैटर्न पर अमल करते हुए विभिन्न विभागों मे समन्वय का अभाव नगरसेवकों को विश्‍वास में लिए बिना ही योजना शुरू की गई अचानक कचरे की कुंडियां हटाने के कारण नागरिकों को असुविधा कंटेनर्स न होने से मजबूरन कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है घंटा गाड़ियों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के कारण दिन में होता है एक ही राउंड गीला-सूखा कचरा रखने के लिए नागरिकों के पास दो डिब्बे नहीं हाउसिंग सोसायटियों से कचरा उठाने के लिए कर्मचारी पैसे ले रहे अधिकारियों द्वारा सिर्फ मुख्य इलाकों में दौरा किया जा रहा