गैर जरुरी फोन कॉल्स करने से कंपनी को डेढ़ लाख का जुर्माना

जिला शिकायत निवारण आयोग द्वारा टाटा टेली सर्विसेस के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई

    24-Jan-2022
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शिवाजीनगर, 23 जनवरी (आ.प्र.)
 
टेली मार्केटिंग के फोन कॉल्स से कई लोग त्रस्त होते हैं. ऐसे कॉल्स को कुछ लोग नजरअंदाज करते हैं, तो कुछ लोग फोन बंद कर देते हैं. लेकिन कोई ग्राहक बहुत ही परेशान हो गया तो वह कंपनी को सबक सिखा सकता है, यह एक मामले से सामने आया है. गैर जरूरी फोन कॉल करके परेशान करने के मामले में जिला शिकायत निवारण आयोग ने टाटा टेली सर्विसेस कंपनी को डेढ़ लाख का जुर्माना देने फैसला सुनाया है.
 
कंपनी से निरंतर आ रहे गैर जरूरी फोन कॉल्स से परेशान होकर एक व्यक्ति ने शिकायत निवारण आयोग में शिकायत दर्ज की, उस पर आयोग ने फैसला सुनाया है. गैर जरूरी फोन कॉल्स हद से ज्यादा करके शिकायतकर्ता मानसिक रूप से परेशान करने व आर्थिक नुकसान के बदले मुआवजे के रुप में डेढ़ लाख रुपए देने का आदेश आयोग ने दिया है. साथ ही अवैध रुप से सिमकार्ड निष्क्रिय करने व नेटवर्क कनेक्शन के चलते परेशान करने के कारण कंपनी को जुर्माना देने के आदेश दिए गए हैं.
 
आयोग के अध्यक्ष उमेश जावलीकर, सदस्य क्षितिजा कुलकर्णी व संगीता यादव-देशमुख ने यह फैसला सुनाया. आयोग ने कहा है कि कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता को मामले के खर्च के लिए 30 हजार रुपए देने होंगे, कुल रकम पर हर वर्ष के लिए 9 % की ब्याज दर के अनुसार होने वाली रकम 6 सप्ताह के बीच देनी होगी. पेशे से वकील सिद्धार्थशंकर अमरनाथ शर्मा ने टाटा टेली सर्विसेस कंपनी की नई दिल्ली व बंडगार्डन रोड स्थित ब्रांच के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. शिकायतकर्ता द्वारा टेली मार्केटिंग सुविधाओं को लेकर गलत राय व्यक्त करने को लेकर कंपनी ने उसका सिमकार्ड निष्क्रिय कर दिया था. इस मानसिक व आर्थिक नुकसान के कारण सिद्धार्थशंकर ने आयोग मेंं शिकायत दर्ज की थी. शिकायतकर्ता द्वारा पेश किए गए सबुतों आधार पर आयोग ने कंपनी को मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.
 
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता सिद्धार्थशंकर शर्मा 2012 से 2016 के बीच टाटा डोकोमोकंपनी के ग्राहक थे. सिद्धार्थशंकर ने डू-नॉट डिस्टर्ब सेवा एक्टिवेट की थी. लेकिन फिर भी उन्हें टेली मार्केटिंग के कॉल आ रहे थे. कंपनी ने लगातार आग्रह करके प्रीपेड सिमकार्ड को पोस्ट पेड में बदलने के लिए मजबूर कर दिया .सिद्धार्थशंकर ने वह कॉल रिकार्ड करके उसकी जानकारी कंपनी को भेजी थी.
कंपनी ने इसको ध्यान में रखते हुए टेली मार्केंटिंग के कॉल्स अस्थायी रूप सेबंद किए थे. लेकिन उसके बाद फिर से कंपनी के एजंटों के प्राइवेट मोबाइलनंबरों से फोन कॉल आने लगे. मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल के बाद वापस कॉल करने पर ऐसे कॉल पर चार्जेस लगाए गए. इसलिए कंपनी द्वारा ट्राई के नियमों का उल्लंघन किया गया, यह शिकायतकर्ता ने कहा है.