पुणे, 23 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
कोरोना होम टेस्टिंग किट की ऑनलाइन बिक्री पर राज्य सरकार का अंकुश नहीं है. ऐसी स्थिति में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को दवा विक्रेताओं को बिक्री का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य नहीं करना चाहिए, अन्यथा दवा विक्रेताओं को कोरोना से संबंधित दवाइयां दुकान में रखने और आंदोलन करने के बारे में विचार करना होगा. यह चेतावनी महाराष्ट्र राज्य केमिस्ट संगठन ने दी है. इस बारे में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के आयुक्त को पत्र भी दिया गया है.
एफडीए ने दवा विक्रेताओं को होम टेस्टिंग किट का रिकॉर्ड रखने का निर्दे श दिया है. इस आदेश के बारे में कई दवा विक्रेताओं ने महाराष्ट्र राज्य केमिस्ट संगठन से नाराजगी व्यक्त की है. दवा विक्रेताओं से अधिक मात्रा में ऑनलाइन पद्धति से होम टेस्टिंग किट की बिक्री की जाती है. उस पर प्रशासन का किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं है. दवा विक्रेताओं द्वारा ग्राहक से आधार नंबर या मोबाइल नंबर मांगने पर ग्राहक ही उसका विरोध करते हैं. अन्यथा विवाद की स्थिति पैदा होती है.
इस ओर संगठन ने ध्यान आकर्षित किया है. मरीज से सेल्फ टेस्टिंग किट का इस्तेमाल कर पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी निगेटिव होने का बताने पर उस पर प्रशासन का अंकुश कैसे रहेगा? यह सवाल भी उठाया गया है. आम जनता में किट का इस्तेमाल रोकने का प्रयास करने पर स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है. राज्य सरकार या प्रशासन जब तक ऑनलाइन बिक्री पर रोक नहीं लगा सकती, तब तक दवा विक्रेताओं पर भी डिटेल में जानकारी रखने का बंधन नहीं लगाना चाहिए.