क्रिकेट में 40% सिर्फ टी-20 लीग में खेल रहे, देश के लिये प्राथमिकता नहीं

    02-Dec-2022
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टी-20 में ज्यादा पैसे मिलने से खिलाड़ी नेशनल काॅन्ट्रै्नट ठुकरा सकते हैं; फीफा ने 400 क्रिकेटराेें पर किया सव अब ताजा आंकड़े दिखाते हैं कि भविष्य में ऐसे खिलाड़ियाें की संख्या में इजाफा हाे सकता है.फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसाेसिएशन (फीका) की रिपाेर्ट में 49% खिलाड़ियाें ने स्वीकारा है कि अगर उन्हें घरेलू टी20 लीग में ज्यादा पैसे मिले ताे वे नेशनल काॅन्ट्रै्नट ठुकरा सकते हैं.इस नतीजे तक पहुंचने के लिए फीका ने 11 देशाें में 400 नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेटराें पर सर्वे किया. हालांक, भारत-पाक के खिलाड़ी सर्वे किया.हालांकि, भारत-पाक के खिलाड़ी सर्वे में शामिल नहीं हैं, क्योंकि दाेनाें ही देश फीका से नहीं जुड़े हैं.
 
दुनियाभर के टाॅप-100 टी20 खिलाड़ियाें में से 82% खिलाड़ी आमदनी के लिए अकेले अपने देश पर निर्भर नहीं रहना चाहते. इनमें से 40% के पास काेई सेंट्रल काॅन्ट्रै्नट नहीं है और वे सिर्फ दुनियाभर की टी20 लीग ही खेल रहे हैं. वहीं, 42% खिलाड़ी ऐसे हैं जाे कि अपने देश के साथ-साथ फ्रेंचाइजी क्रिकेट भी खेल रहे हैं.बचे 18 % खिलाड़ियाें में से अधिकतर भारतीय हैं जिनके बाहरी लीग में शामिल हाेने पर बीसीसीआई ने प्रतिबंध लगाया हुआ है. जाे कि एक साथ 3 या उससे ज्यादा टीमाें से जुड़े हुए हैं और लीग स्पेशलिस्ट के रूप में अपनी पहचान बन रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के टिम डेविड ने साल 2021 में 7 अलग-अलग टी20 लीग में हिस्सेदारी की. दूसरी ओर टेस्ट काे प्राथमिकता देने वाले खिलाड़ियाें की संख्या में कमी आ रही है. 2018 में 82% खिलाड़ियाें ने कहा था कि वे टेस्ट काे महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि 2022 में ये आंकड़ा 74% रह गया है.