पुणे इंटरनेशनल लिटरेरी फेस्टिवल से मिलती है पढ़ने की प्रेरणा

महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने व्यक्त किए अपने विचार

    03-Dec-2022
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VISHWAKARMA
 
 
 
पुणे, 2 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पुणे बुद्धिजीवियों का शहर है. इसलिए पुणे इंटरनेशनल लिटरेरी फेस्टिवल का शुभारंभ आयोजकों द्वारा अपनी संतुष्टि के लिए शुरू किया गया था. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, फेस्टिवल शताब्दी यात्रा करे. वेिशकर्मा प्रकाशन द्वारा आयोजित ‘पुणे इंटरनेशनल लिटरेरी फेस्टिवल-2022' (पीआईएलएफ) का उद्घाटन राज्यपाल कोश्यारी ने किया. इस अवसर पर वह बोल रहे थे. यहां वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता लेखिका सुधा मूर्ति, विश्वकर्मा प्रकाशन के प्रबंध निदेशक भरत अग्रवाल, लेखक डॉ. विक्रम संपथ और पीआईएलएफ की संस्थापक डॉ. मंजिरी प्रभु आदि उपस्थित थे.
अपना अनुभव साझा करते हुए कोश्यारी ने कहा कि हर उम्र के लोग जब मुझसे मिलने आते हैं तो पुस्तकें भेंट करते हैं. कई अज्ञात लेखक और कवि लिख रहे हैं. भले ही वे अपनी संतुष्टि के लिए लिखते हों, लेकिन वे आशा करते हैं कि सामग्री को कभी तो पढ़ा जाएगा. उसके लिए हमारे अंदर पढ़ने की भावना बनी रहनी चाहिए. जो ऐसे उत्सवों के आयोजन किए जाने से बढ़ती है. फ्रांसिस बेकन ने कहा है कि पढ़ना मनुष्य को संपूर्ण बनाता है, विचार-विमर्श उसे यथार्थवादी बनाता है जबकि लेखन मनुष्य को सटीक या परिपूर्ण बनाता है. इसलिए राज्यपाल ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव में संगोष्ठियों में शामिल होने वालों में साहित्य के प्रति रुचि पैदा होगी और लेखन की प्रेरणा मिलेगी.
लेखिका सुधा मूर्ति ने कहा कि लिटरेरी महोत्सव का प्रबंधन करना एक बहुत ही कठिन जिम्मेदारी है और आयोजक इसे बहुत ही कुशलता से निभा रहे हैं, पुस्तक प्रेमियों की प्रतिक्रिया के कारण फेस्टिवल बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी कामना की कि यह वर्षों तक जारी रहे. डॉ. विक्रम संपथ ने कहा, कुछ नया शुरू करना आसान होता है. लेकिन इसे निर्बाध रूप से जारी रखना बहुत कठिन है. इसके लिए महोत्सव के आयोजकों की सराहना की जानी चाहिए.
पुणे संस्कृति, शिक्षा, इतिहास का शहर है. इसलिए इस महोत्सव को अधिक रिस्पांस मिल रहा है. इस समय डॉ. मंजिरी प्रभु ने उत्सव के आयोजन की पृष्ठभूमि और भूमिका के बारे में बताया. शुरु में त्योहार की फेस्टिवल से अब तक की यात्रा दिखाने वाला एक ऑडियोटेप दिखाया गया था. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के नागरिक, प्रकाशक और देसी-विदेशी पुस्तकप्रेमी उपस्थित थे.