शिवाजीनगर, 12 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुणे मनपा के कर्मचारी और अधिकारियों को अंशदायी मेडिकल सहायता योजना (सी.एच.एस.) के नॉट इन शेड्यूल्ड होने वाले यानी इलाज के बिलों की परिपूर्ति नहीं होने वाली बीमारियां तथा इलाज पद्धति के सर्कुलर की पुनर्रचना की जाएगी. साथ ही पहले की तरह अधिक से अधिक इलाज पद्धति का लाभ मनपा कर्मचारियों को मिले, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे. यह जानकारी मनपा के अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र बिनवड़े ने दी. सी.एच.एस. की कटौती के कारण मनपा के अधिकतर कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग पर नाराज थे. गुरूवार की सुबह स्वास्थ्य विभाग के फैसले के खिलाफ मैदान में उतरे थे.
लेकिन कुछ ही घंटों में इस लड़ाई में सफलता मिली. स्वास्थ्य विभाग ने मनपा के पैनल पर होने वाले सभी हॉस्पिटलों को मनपा ने गुरूवार को तत्काल पत्र भेजकर नॉट इन शेड्यूल्ड होने वाले आदेश को स्टे दिया है. साथ ही नॉट इन शेड्यूल्ड होने वाली सभी मेडिकल प्रक्रिया व जांच को ग्राह्य माना जाए. इन सभी प्रक्रिया और जांच के बिल दो महीने पहले के प्रचलित अंशदायी मेडिकल सहायता योजना के मापदंडों के अनुसार ही मनपा की ओर से अदा करने की जानकारी दी गई है.
वर्ष 1995 से जारी होने वाले सी.एच. एस. यानी मेडिकल सहायता योजना की इलाज पद्धति व बिलों का भुगतान करने की प्रक्रिया की पुनर्रचना वर्ष 2000 में की गई थी. उसके बाद पिछले 22 वर्षों में इस योजना में समय के अनुसार बदलाव नहीं किए गए हैं. लेकिन मेडिकल इलाज पद्धति में बदलाव हुए है. कई जांच रोबोटिक पद्धति से करने की सुविधा उपलब्ध है. ऑपरेशन भी लेजर के जरिए किए जाते हैं. ऐसे में पुरानी पद्धति से होने वाली मेडिकल सहायता योजना के बिलों की प्रतिपूर्ति कर्मचारियों पर अन्यायपूर्ण साबित होती है. इसके मद्देनजर प्रशासन ने नई इलाज पद्धति और ऑपरेशन को सी.एच.एस. में शामिल करने का निर्णय लिया है. इसके लिए कौन सी इलाज पद्धति और ऑपरेशन की मांग अधिक है. इसका अध्ययन कर उनका समावेश योजना में करते समय अतिरिक्त आर्थिक प्रावधान भी किया जाएगा. 25 मई तक यह रिपोर्ट तैयार कर मनपा आयुक्त को पेश की जाएगी.