रेलवे ने लापरवाह 19 अधिकारियाें काे जबरन रिटायर किया

    13-May-2022
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अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई किए जाने से कामचाेर अफसराें में खलबली मची
 

Railway 
 
रेलवे ने काम में लापरवाही करने वाले 19 अधिकारियाें काे जबरन रिटायर कर दिया है. अब तक की इस सबसे बड़ी कार्रवाई से कामचाेर अफसराें में खलबली मच गई. 19 में से 10 अधिकारी जाइंट सेक्रेटरी लेवल के हैं.पिछले 11 महीनाें में रेलवे ने 96 टाॅप लेवल के अधिकारियाें काे वीआरएस दिया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, कर्मचारियाें काे य ताे अच्छे से काम करना हाेगा या फिर उन्हें घर बैठा दिया जाएगा.विस्तार से प्राप्त खबराें के अनुसार, रेलवे ने अपने 19 अधिकारियाें के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
 
माेदी सरकार ने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियाें के खिलाफ कार्रवाई की है. इन सभी काे जबरन रिटायर कर दिया गया है. इनमें से दस अधिकारी जाॅइंट सेक्रेटरी लेवल के हैं. जुलाई में रेल मंत्री बनने के बाद अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियाें से साफ कहा था कि काम कराे या घर बैठाे. उनके 11 महीने के कार्यकाल में 96 अधिकारियाें काे जबरन रिटायर किया जा चुका है. रेलवे ने सीसीएस रूल 56(ग) के तहत यह कार्रवाई की है. इस नियम के तहत किसी सरकारी कर्मचारी काे न्यूनतम तीन महीने का नाेटिस देकर या इस अवधि का वेतन देकर रिटायर किया जा सकता है.बता दें कि रेलवे मंत्रालय का कार्यभार संभालन के बाद अश्विनी वैष्णव ने साफ कह दिया था कि कर्मचारियाें काे या ताे काम करना हाेगा या फिर उन्हें घर में बैठा दिया जाएगा. पिछले 11 महीने में 96 अधिकारियाें काे वीआरएस दिया जा चुका है.
 
ये सभी अधिकारी एमसीएफ, मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे, नाॅर्थ फ्रंट रेलवे, सीएलडब्ल्यू, पूर्व रेलवे, दक्षिण पश्चिमी रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, आरडीएसओ, ईडीसेल और उत्तर रेलवे के पदाें पर पाेस्टेड थे. आधिकारिक सूत्राें ने बताया कि केंद्र सरकार ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे कर्मचारियाें से निजात पाना चाहती है और इसी प्रयास के तहत यह कार्रवाई की गई है. जिन 19 अधिकारियाें काे रिटायर किया गया है उनमें इलेक्ट्रिकल एवं सिग्नल सेवाओं के 4-4 अधिकारी, मेडिकल एवं सिविल से तीन-तीन अधिकारी, कार्मिक से दाे, स्टाेर, यातायात एवं मेकेनिकल से एक- एक अधिकारी शामिल हैं. ये अधिकारी रेलवे के उपक्रमाें जैसे पश्चिम रेलवे, मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे, सैंडकाेच फैक्टरी कपूरथला, माडर्न काेच फैक्टरी, रायबरेली आदि से हैं.
 
इससे पहले अश्विनी वैष्णव के रेल मंत्री बनने के बाद नाै महीने में 77 अधिकारियाें काे वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) लेने के लिए बाध्य किया गया. इनमें महाप्रबंधक एवं सचिव जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. मूलभूत नियमावली (एफआर) और सीसीएस (पेंशन) नियमावली, 1972 में समयपूर्व रिटायर से जुड़े प्रावधानाें के तहत उपयुक्त प्राधिकार काे किसी सरकारी कर्मी काे सेवानिवृत करने का पूर्ण अधिकार है, यदि ऐसा करना जन हित में जरूरी है. ेलवे ने 2019 में भी 50 साल से अधिक उम्र के 32 अधिकारियाें काे समय से पहले रिटायर कर दिया था. रेलवे अधिकारियाें पर परफाॅर्म करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. जुलाई में रेल मंत्री बनने के बाद अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियाें से साफ कहा था कि काम कराे या घर बैठाे.