ताजमहल केस में याचिका हाईकाेर्ट ने खारिज की

    13-May-2022
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Tajmahal 
 
याचिकाकर्ता काे फटकारा - PhD करें, तब काेर्ट आना ताजमहल के तहखाने में बने 20 कमराें काे खाेलने की याचिका काे इलाहाबाद हाईकाेर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया. सबसे पहले गुरुवार काे 12 बजे सुनवाई शुरू हुई थी. ताजमहल विवाद काे लेकर हाईकाेर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. सुनवाई के दाैरान काेर्ट ने याचिकाकर्ता काे जमकर फटकार लगाई है. जस्टिस डीके उपाध्याय ने कहा कि याचिकाकर्ता झखङ व्यवस्था का दुरुपयाेग न करें.पहले यूनिवर्सिटी जाएं, झह.ऊ. करें, तब काेर्ट आएं. काेर्ट ने कहा कि अगर काेई रिसर्च करने से राेके, तब हमारे पास आना. उन्हाेंने कहा कि कल काे आप आएंगे और कहेंगे कि आपकाे जजाें के चेंबर में जाना है, ताे क्या हम आपकाे चेंबर दिखाएंगे? इतिहास आपके मुताबिक नहीं पढ़ाया जाएगा. बता दें कि भाजपा के अयाेध्या मीडिया प्रभारी डाॅ. रजनीश सिंह ने 7 मई काे काेर्ट में याचिका दायर कर ताजमहल के 22 कमराें में से 20 कमराें काे खाेलने की मांग की है. उन्हाेंने इन कमराें में हिंदू-देवी देवताओं की मूर्ति हाेने की आशंका जताई है. उनका कहना है कि इन बंद कमराें काे खाेलकर इसका रहस्य दुनिया के सामने लाना चाहिए.
 
याचिकाकर्ता रजनीश सिंह ने इस मामले में राज्य सरकार से एक समिति गठित करने की मांग की है. उन्हाेंने कहा कि स्मारक की संरक्षा और पर्यटकाें की सुरक्षा के लिए अ डख ने पूरे देश में स्मारकाें के कुछ हिस्साें काे बंद किया. प्राे. रिजवी ने कहा कि ताज के तहखाने खाेलने में काेई हर्ज नहीं है, लेकिन यह काेर्ट की निगरानी में खाेले जाएं और वीडियाेग्राफी की जाए. तहखाने खाेलने के बाद यह डर है कि कहीं काेई मूर्ति न रख दे और विवाद स्थायी हाे जाए.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्राेफेसर इरफान हबीब ने कहा कि ताजमहल जैसी विश्व धराेहर काे धार्मिक रंग देने की साजिशहाे रही है. मैं नहीं चाहता कि तहखाने खाेले जाएं. उसका काेई प्रयाेजन ताे हाे. यह जिस मकसद से मांग की जा रही है, वह गलत है. काेई भी कहीं से आकर मांग करेगा और उस पर आदेश हाें, यह गलत है.डाॅ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्राेफेसर सुगम आनंद ने कहा कि ताजमहल के तहखानाें के सर्वे में काेई परेशानी नहीं हाेनी चाहिए.