कोंढवा, 13 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
देश में गलत नेतृत्व होने से वर्तमान माहौल में कुछ भी हो सकता है. यह नेतृत्व देश में गलत विचारों को रखता है. स्वतंत्रता प्राप्त करते समय पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, मौलाना आजाद जैसे नेताओं ने सभी जाति और धर्मों के लोगों को एक साथ लेते हुए अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने को मजबूर किया. उसी के साथ अपने देशवासियों में द्वेष निर्माण करने वालों के खिलाफ एक होना चाहिए और उन्हें सबक सिखाना पड़ेगा. उनके विरोध में हम सभी को खड़ा होना चाहिए. यह प्रतिपादन एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने किया. शहर एनसीपी की ओर से कोंढवा में गुरुवार को ईद मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में शरद पवार बोल रहे थे.
कार्यक्रम में सांसद डॉ. अमोल कोल्हे, एड्. वंदना चव्हाण, विधायक सुनील टिंगरे, चेतन तुपे, शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप, कांग्रेस के शहराध्यक्ष रमेश बागवे, पी.ए. इनामदार, मौलाना अयूब अशरफी, पंकज महाराज गावड़े के साथ बौद्ध, ईसाई धर्मगुरू, स्थानीय नगरसेवक व नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे. शरद पवार ने कहा कि देश में विविधता में एक सौंदर्य है. यह सौंदर्य और अच्छा दिखाने हेतु इस विविधता से भरी बेल पर सभी फूलों का सम्मान करना चाहिए. लेकिन दुनिया में वर्तमान समय में विचित्र स्थिति है. रशिया ने यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद उन्हें मानवता का स्मरण नहीं रहा है. अपने पड़ोसी देशों में भी यहीं स्थिति है. शांतिप्रिय होने वाले श्रीलंका में आम लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है.
इस संघर्ष में अब वहां के राजनेताओं को अंडरग्राउंड होने की नौबत आयी है. पाकिस्तान में लोकतंत्र के मार्ग से चुने गए प्रधानमंत्री को पद से इस्तीफा देना पड़ा है. पाकिस्तान के राज्यकर्ताओं को केवल भारत द्वेष की राजनीति करनी पड़ती है. लेकिन वहां की आम जनता भारतीयों के विरोध में नहीं है. वहां के नागरिक भारतीयों से प्रेम करते हैं, यह मेरा अनुभव है. इसलिए अपने देश में भी भाईचारे का माहौल फिर से निर्माण करना होगा.
जाति और धर्मों को दूर कर लोगों में संघर्ष नहीं होगा, इसका ध्यान रखना होगा. डॉ. अमोल कोल्हे ने कहा कि हैदराबाद का एक नेता औरंगजेब की कब्र पर जाकर अभिवादन करता है. जिसने खुद के पिता और भाई की हत्या की, बड़ी संख्या में नागरिकों को मौत के घाट उतारा है, उस औरंगजेब का उदात्तीकरण क्यों किया जा रहा है? छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना मे ंकई मुस्लिम थे, उन सभी को साथ लेकर रैयत का राज्य महाराज ने लाया था. इस वक्त मौलाना अयूब अशरफी व पंकज महाराज गावड़े ने मनोगत व्यक्त किया. शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप ने प्रास्तावित भाषण किया.