डॉ. शर्वरी पंडित, स्किन स्पेशलिस्ट
स्पेशलिस्ट : डर्मेटोलॉजिस्ट
संस्थापक : पंडित क्लीनिक
कमलजा बिल्डिंग, तीसरी मंजिल,
शिवाजी नगर, मॉडर्न हायस्कूल
बस स्टॉप के पीछे, जे.एम. रोड,
पुणे-411005.
संपर्क : 9850880048/9850880049
त्वचा की एक नहीं, कई समस्याओं से मरीज ग्रस्त होते हैं. महंगी दवाओं और उपचार के बावजूद कई बार इन समस्याओं से छुटकारा नहीं मिलता. ऐसी ही एक समस्या है- सोराइसिस. अक्सर सोराइसिस ठीक नहीं हो पाता, इसकी दवा भी बंद नहीं की जा सकती. पुणे की प्रसिद्ध स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. शर्वरी पंडित ने `आज का आनंद` प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए बताया कि इसी कारण सोराइसिस के उपचार के लिए नियमित दवाई लेना बहुत जरूरी है. प्रस्तुत है इस संदर्भ में उनसे की गई बातचीत के कुछ प्रमुख अंश-
प्रश्न- अपने बारे में बताएं?
उत्तर : मेरा पूरा नाम डॉ. शर्वरी श्रीरंग पंडित है. मैं पुणे में ही पली-बढ़ी हूँ. मेरी प्राथमिक शिक्षा पुणे में हुई है. मैंने नवीन मराठी शाला, अहिल्यादेवी प्रशाला और उसके बाद फर्ग्युसन महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है. उसके बाद नासिक के गवर्नमेंट सिविल युनिसिपल हॉस्पिटल से एमबीबीएस किया. पुणे वापस आकर, यशवंतराव चव्हाण युनिसिपल हॉस्पिटल (पिंपरी) में त्वचा रोग विशेषज्ञ बनने के लिए स्नातकोत्तर का प्रशिक्षण लिया. मैंने प्रैक्टिस शुरू करने के बाद, दुबई में सौंदर्योपचार में एडवांस्ड प्रशिक्षण लिया और फैलोशिप ली है.
प्रश्न - स्किन स्पेशलिस्ट का क्षेत्र चु्नने के पीछे क्या कारण है? इसकी प्रेरणा आपको किससे मिली?
उत्तर : जब मैं नासिक में एमबीबीएस कर रही थी तब वहाँ त्वचा रोग विभाग के डॉ. झंवर और डॉ. देशमुख हमें पढ़ाते थे. उनके कारण मुझे इस विषय में रुचि उत्पन्न हुई. मेरे पोस्ट ग्रेजुएशन के गाइड, स्व. डॉ. मोहन घारपुरे ने इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की थी. उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त की थी. पेशेंट से व्यवहार करने और बातचीत के उनके आदरपूर्ण तरीके से मैं बहुत प्रभावित हुई. इसलिए मेरी इच्छा हुई कि इ्सी क्षेत्र में काम करूं. साथ ही, मेरे माता-पिता दोनों ही मेडिकल क्षेत्र में ही होने के कारण उनका बहुत सपोर्ट और सहायता मिली.
प्रश्न : आप कितने वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं ?
उत्तर : मैं पिछले 10 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूँ. पार्ट-टाइम काम करना मुझे रास नहीं आया. इसलिए मैं सोने का समय छोड़कर, बाकी पूरे समय काम में व्यस्त रहती हूँ. कहा जा सकता है कि क्लीनिक मेरा दूसरा नहीं बल्कि पहला घर है. सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे तक मेरा क्लीनिक शुरू रहता है. साथ ही इस क्लीनिक को स्थापित हुए लगभग 40 वर्ष हो चुके हैं.
प्रश्न : त्वचा के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर : त्वचा के कई प्रकार होते हैं. त्वचा में ‘मेलानिन` नामक घटक की मात्रा के आधार पर, स्किन टाइप को 1 से 6 के पैमाने पर गिना जाता है. स्किन टाइप-1 में मेलानिन की मात्रा सबसे कम और स्किन टाइप-6 में मेलानिन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है. त्वचा में उपस्थित तेल की मात्रा के अनुसार उसे तैलीय, रूखी (शुष्क) अथवा मिली-जुली (कॉम्बिनेशन) त्वचा के रूप में परिभाषित किया जाता है. जहां कुछ लोगों की त्वचा संवेदनशील (सेंसिटिव) होती है वहीं कुछ लोगों की त्वचा बहुत अच्छी होती है. संवेदनशील त्वचा पर धूप, बदलते मौसम, साबुन में बदलाव जैसी किसी भी स्थिति का दुष्प्रभाव तुरंत दिखाई पड़ता है.
प्रश्न : लोग त्वचा की किस समस्या से सबसे ज्यादा त्रस्त रहते हैं?
उत्तर : आजकल और पिछले कुछ वर्षों से, भारत एवं उसके आसपास के देशों में दाद (फंगल इन्फेक्शन) नामक समस्या संक्रामक रोग की तरह फैली हुई है. एक ही परिवार के कई लोगों में इसका संक्रमण हो सकता है. इस रोग में शरीर पर गोल चकत्ते से बन जाते हैं और खुजली की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसके ठीक होने में कई महीने लग सकते हैं. चेहरे पर मुँहासे निकलने की समस्या भी आजकल बहुत कम उम्र में ही शुरू हो जाती है जो 40 और उसके बाद की उम्र तक भी जारी रहती है. लोग पित्त के कारण उभरने वाले चकत्तों, सोराइसिस, कोढ़, नागिन, खाज, ददोड़ों- फुंसियों, दाग- धब्बों, झाइयों जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं से लगातार परेशान रहते हैं.
प्रश्न : किस आयु समूह के लोग स्किन ट्रीटमेंट के लिए सबसे ज्यादा आते हैं?
उत्तर : सौंदर्योपचार के लिए लगभग 15 से 50 आयु समूह के स्त्री-पुरुष सबसे ज्यादा आते हैं. लोग इंटरनेट के जमाने में वीडियो कॉल एवं सेल्फी के जमाने में स्किन ट्रीटमेंट की जरूरत महसूस करने लगे हैं. नन्हे शिशु से लेकर शतायु के पार किसी भी व्यक्ति को त्वचा की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
प्रश्न : अक्सर कई दवाओं के उपचार के बाद भी लोगों के चेहरे से मुंहासे और काले दाग नहीं जाते. ऐसे लोगों के लिए आपकी क्या सलाह है ?
उत्तर : कई लोग लंबे समय तक चेहरे के मुंहासों और काले दागों की समस्या से ग्रस्त रहते हैं. अब मेडिकल साइंस इतनी तरक्की कर चुका है कि चेहरे से मुंहासों और काले दागों को हमेशा के लिए हटाया जा सकता है. मात्र 4 -5% लोगों के दाग हमेशा के लिए भले ही ठीक न हों लेकिन कई वर्षों तक उनकी त्वचा कांतिमय और मुँहासेरहित रह सकती है.
प्रश्न : लेजर ट्रीटमेंट क्या होता है? इस विकल्प की सलाह कब दी जाती है?
उत्तर : लेजर एक अलग तरह से विकसित किया गया लाइट होता है. लेजर मशीन के द्वारा कुछ विशेष तरह की प्रकाश किरणें उत्पन्न कर उनका प्रवर्धन किया जाता है. ये किरणें त्वचा एवं शरीर के विभिन्न घटकों से बनाई जाती हैं और उनतक पहुंचाई जाती हैं. इस तरह की भिन्न-भिन्न तीव्रता वाली किरणें शरीर के विभिन्न घटकों एवं अंगों पर कार्य करती हैं.
प्रश्न : लेजर किरणें किस तरह कार्य करती हैं?
उत्तर : लेजर किरणें विभिन्न तरह से कार्य करती हैं. उदाहरणस्वरुप चेहरे एवं शरीर के अन्य अंगों से अनचाहे बालों को हमेशा के लिए हटाने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है. बालों में पाए जाने वाले मेलानिन नामक घटक को नष्ट करके, ये केशों को समूल नष्ट करने का कार्य करती हैं.
प्रश्न : लेजर के क्या साइड इफेक्ट्स होते हैं.?
उत्तर : यदि लेजर ट्रीटमेंट के दौरान एवं बाद में सही तरह से ध्यान रखा जाए तो किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं होते. एकाध बार फुसियाँ या दाग पड़ने जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं लेकिन ये सभी साइड इफेक्ट अस्थायी होते हैं जो बाद में ठीक हो जाते हैं. जब किसी तरह की त्वचा पर प्राथमिक उपचार से फर्क न पड़ रहा हो तब भी लेजर ट्रीटमेंट किया जाता है. हालांकि त्वचा की कुछ ऐसी समस्याएं भी हैं जिनके लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है. ऐसे समय लेजर द्वारा ही उपचार किया जाता है.
प्रश्न : त्वचा पर किए जाने वाले उपचार स्थायी होते हैं या अस्थायी? क्या इस आधार पर उपचार, कभी-कभार करवाना पड़ता है अथवा नियमित करवाना पड़ता है ?
उत्तर : त्वचा की कुछ बीमारियाँ पूरी तरह ठीक हो जाती हैं और कुछ जटिल होती हैं. जल्दी ठीक न हो सकने वाली बीमारियों के लिए हमेशा दवाएं लेने की जरूरत पड़ती है.
प्रश्न : एक धारणा है कि स्किन ट्रीटमेंट महंगा पड़ता है. इस बात में कितनी सच्चाई है?
उत्तर : यह इस पर निर्भर करता है कि त्वचा की बीमारी कौन-सी एवं किस तरह की है. त्वचा की कुछ समस्याओं में केवल दवाओं एवं मरहम के उपयोग से मरीज ठीक हो जाते हैं. सौंदर्य उपचार एवं लेजर उपचार थोड़े महंगे होते हैं. इस तरह के ट्रीटमेंट के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरण अत्यंत महंगे होने के कारण, उपचार का खर्च बढ़ जाता है.
प्रश्न : आप स्किन ट्रीटमेंट के लिए किस तरह की मशीनें/ इंस्ट्रूमेंट इस्तेमाल करती हैं?
उत्तर : मैं विभिन्न तरह की लेजर किरणों, रेडियो कॉटरी, कोढ़ के उपचार के लिए लीट, त्वचा की झुर्रियां हटाने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी स्किन टाइटनिंग मशीन, हमेशा के लिए अनचाहे बाल हटाने वाली लेजर एवं अन्य उपचार पद्धतियों का उपयोग करती हूँ.
प्रश्न : आजकल मार्केट में कई प्रकार के तेल, क्रीम, लेप उपलब्ध हैं जो त्वचा अच्छी बनाए रखने का दावा करते हैं. इनमें से अच्छा प्रोडक्ट कैसे चुना जाए?
उत्तर : मार्केट में उपलब्ध प्रोडक्ट का उपयोग करने के पहले यह देखना चाहिए कि हमें किस तरह के प्रोडक्ट की आवश्यकता है. जो इंटरनेट पर उपलब्ध है और अच्छा दिख रहा है, जरूरी नहीं कि वह प्रोडक्ट हमारी स्किन को सूट करे. चेहरे पर कम से कम सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करें. पहले यह पता करें कि स्किन का कौन-सा प्रॉब्लम है और उसे ठीक करने के लिए सही स्किन प्रोडक्ट खरीदें. ऐसा नहीं है कि जितने ज्यादा प्रोडक्ट का उपयोग करेंगे, त्वचा उतनी ही अच्छी रहेगी. वास्तव में ज्यादा प्रोडक्ट के उपयोग से, त्वचा पर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं .
प्रश्न : त्वचा को सुरक्षित एवं कांतिमय बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: तेज धूप में चेहरा ढंककर जाएं. उपयुक्त मात्रा में नींद, आहार लें एवं व्यायाम करें. अपने आहार में आर्टिफिशियल शुगर एवं प्रिजर्वेटिव वाले पदार्थ कम से कम शामिल करें. समय पर पानी पीएं. प्रतिदिन फल-सब्जियां, सलाद एवं सूखे मेवे खाएँ. घर का बना घी एवं मक्खन खाएं. दौड़ने से चेहरा कांतिमय बनता है इसलिए सप्ताह में दो-तीन दिन, सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगाएं. कुनकुनी धूप में बैठें. ध्यान, मनन, चिंतन करें. तनाव से बचें. मन की शांति बनाए रखने का प्रयास करें. हमेशा खुश एवं हंसमुख रहने का प्रयास करें.
प्रश्न :अपने परिवार के बारे में बताएँ.
उत्तर: मेरे परिवार में मेरे पति प्रणव धनेेशर, बेटी परा प्रणव धनेेशर (3 वर्ष) एवं सास-ससुर हैं. घर और काम में सभी का बहुत सपोर्ट मिलता है.