थेरगांव, 15 जुलाई (आ.प्र.)
जैन आगम में जीवन के तत्व ज्ञान बताए गए हैं आगम का वाचन और श्रवण करने से जीवन का परिवर्तन हो सकता है. पानी में सीमेंट डालने पर वह मजबूत होती है. इसी तरह ह्दय से सुनी गई जिनवाणी आत्मा के लिए लाभदायक साबित होती है. जैसे पानी शरीर को शुद्ध करता है वैसे ही जिनवाणी मन को शुद्ध करती है.
जैन आगम में इतनी शक्ति है कि वह अपने अंतरंग के सभी दुखों को दूर करती है. हम जिस तरह से गुरुओं को नमस्कार करते हैं उसमें गुरु के लिए आदरभाव की भावना छिपी होती है. जिनवाणी शास्त्रों द्वारा बताई जाती है. जिनवाणी श्रवण करने से कर्म के बंधन से मुक्ति मिलती है. अपने जीवन कर्म बंधनों की कमी होती है.
इस बंधन से मुक्त होने के लिए हमेशा सत्संग में जाना पड़ता है. इसके साथ ही जिनवाणी को सुनना आवश्यक है. सत्संग से गुरु से मिलने वाले विचार हमारे जीवन को नई दिशा दिखाते हैं.