संकेत का पान की दुकान से काॅमनवेल्थ पाेडियम तक का सफर

    01-Aug-2022
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Sanket 
 
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलाें में भारत के लिए वेटलिफ्टर संकेत महादेव ने 55 किलाे भार वर्ग में रजत पदक जीता.भारत के लिए पदक खादा खाेलने वाले संकेत अब तक काफी साधा जीवन जीते आए हैं. संकेत के पिता की सांगली में एक पान की दुकान है.इस साल काॅमनवेल्थ खेलाें में भारत की ओर से काेई भी मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने संकेत का जीवन काफी संघर्षाें से भरा हुआ रहा है. संकेत बेहद गरीब परिवार से हैं और उनकी कामयाबी के पीछे परिवार का बड़ा हाथ रहा है.संकेत के पिता की सांगली में एक पान की दुकान है. संकेत काेल्हापुर के शिवाजी यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री के छात्र हैं.
 
 
वह इससे पहले खेलाे इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलाे इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में भी अपनी कैटेगरी के चैम्पियन रहे हैं. इंटरनेशनल लेवल पर संकेत का यह पहला बड़ा मेडल है.सुबह साढ़े पांच बजे उठकर ग्राहकाें के लिए चाय बनाने के बाद ट्रेनिंग, फिर पढ़ाई और शाम काे फिर दुका से फारिग हाेकर व्यायामशाला जाना, करीब सात साल तक संकेत की यही दिनचर्या हुआ करती थी. संकेत सरगर स्वर्ण पदक से महज एक किलाेग्राम से चूक गए, क्याेंकि क्लीन एंड जर्क वर्ग में दूसरे प्रयास के दाैरान चाेटिल हाे गए थे.