किसानों द्वारा प्याज के दाम बढ़ाने की मांग

16 अगस्त से बंद करेंगे प्याज की बिक्री; उत्पादक संघ ने दी चेतावनी

    08-Aug-2022
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पुणे, 7 अगस्त (आ.प्र.)
 
प्रदेश की सभी मंडी समितियों में 15 अगस्त तक प्याज की नीलामी कम से कम 25 रुपये से कराई जाए. इस मांग के साथ महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ ने चेतावनी दी है कि वर्ना राज्य के प्याज उत्पादक 16 अगस्त से अनिश्‍चितकालीन बिक्री बंद आंदोलन करेंगे. किसानों का कहना है कि प्याज की उत्पादन लागत 20 से 22 रुपये प्रति किलो है. इसके बावजूद प्याज की वास्तविक औसत बिक्री कीमत 8 से 10 रुपये प्रति किलो है. राज्य के किसानों का कहना है कि इससे भारी नुकसान हुआ है. संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा कि, साल में सिर्फ 12 से 15 दिन प्याज की अच्छी कीमत मिलती है. लेकिन साल के अन्य दिनों में प्याज की कीमत दस रुपये प्रति किलो से भी कम होती है. अच्छी कीमत मिलने पर प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी जाती है. प्याज आयात किया जाता है. प्याज के कारोबारियों पर छापेमारी की जाती है. प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई गई है. किसानों का कहना है कि, प्याज की कीमतों को कम रखने के लिए सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है. प्याज के उत्पादन की औसत लागत 20 से 22 रुपये है. लेकिन प्याज औसतन आठ से दस रुपये में बिकती है. कब तक किसान इतना नुकसान सहेंगे? भारत दिघोले ने कहा कि, अगर देश में प्याज के सबसे बड़ा उत्पादक महाराष्ट्र में प्याज की बिक्री शत-प्रतिशत बंद कर दी जाती है तो देश में प्याज की कमी हो जाएगी. इससे सरकार पर दबाव बनेगा. प्याज को उत्पादन लागत से अधिक कीमत मिलनी चाहिए. 25 रुपये की औसत कीमत पाने के लिए प्याज की बिक्री को रोकने के लिए आंदोलन किया जाएगा.
 
किसानों का कहना है....प्याज की कीमत कम से कम उत्पादन लागत के बराबर होनी चाहिए.

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 आने वाले दिनों में प्रदेश की सभी मंडी समितियों में प्याज 25 रुपए किलो बिकना चाहिए. नहीं तो किसानों ने 16 अगस्त से प्रदेश में प्याज की बिक्री बंद करने का फैसला किया है. खासकर इस साल नाफेड ने ढाई लाख टन प्याज की खरीद की है. लेकिन N AFED ने भी किसानों का प्याज 10 से 12 रुपये प्रति किलो के भाव से खरीदा है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है.