स्मार्ट पोर्ट, AI सहित भारत व तंजानिया के बीच 6 समझौते

    10-Oct-2023
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रक्षा क्षेत्र व आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में परस्पर सहयोग बढ़ाया जाएगा
 
■ पीएम मोदी बोले- सदियों पुरानी मित्रता को रणनीतिक साझेदारी में बांधा
■ बायोटेक्नोलॉजी, वैमानिकी में ITEC की 1000 अतिरिक्त स्लॉट खोले जाएंगे
■ भारत व तंजानिया के संबंधों में सुधार के लिए कई ऐतिहासिक फैसले किए
■ व्यापार व निवेश को बढ़ाया जायेगा
 
भारत एवं तंजानिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझीदारी में बदलने तथा रक्षा क्षेत्र एवं आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में परस्पर सहयोग को बढ़ाने की आज घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन के बीच यहां हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक में ये फैसले लिये.
 

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दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग के छह समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये गये. दोनों देशों ने भारत तंज़ानिया रणनीतिक साझीदारी कायम करने के साथ ही स्मार्ट पोर्ट, अंतरिक्ष, जैवप्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वैमानिकी प्रबंधन
जैसे नये क्षेत्रों में आईटीईसी की एक हजार अतिरिक्त स्लॉट खोलने, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की छात्रवृत्तियां 70 से बढ़ा कर 85 करने की घोषणाएं भी की. दोनों देशों ने जिन छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये उनमें डिजीटल समाधान के क्रियान्वयन, व्हाइट शिपिंग पर सूचनाओं के आदान प्रदान, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, खेलों के क्षेत्रों में सहयोग, तंज़ानिया में एक औद्योगिक पार्क की स्थापना और समुद्री परिवहन के क्षेत्र में सहयोग के करार शामिल हैं.
 
नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे आर्थिक सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए हम नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे. तंजानिया, अफ्रीका में भारत का सबसे बड़ा और करीबी विकास साझीदार है. भारत ने आईसीटी केंद्र, व्यावसायिक प्रशिक्षण, रक्षा प्रशक्षिण, आईटीईसी तथा आईसीसीआर छात्रवृत्ति के माध्यम से तंज़ानिया की कौशल विकास और क्षमता निर्माण महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

बाद में मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा, “आज का दिन भारत और तंज़ानिया के संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है. आज हम अपनी सदियों पुरानी मित्रता को रणनीतिक साझीदारी के सूत्र में बांध रहे हैं.
आज की बैठक में हमने इस भावी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखते हुए कई नयी पहलों की पहचान की है. भारत और तंज़ानिया आपसी व्यापार और निवेश के लिए एक दूसरे के महत्वपूर्ण साझीदार हैं. दोनों पक्ष स्थानीय मुद्रा व्यापार बढ़ाने के लिए एक समझौते पर काम कर रहे हैं.