पुणे, 27 अक्टूबर(आ.प्र.)
महाराष्ट्र के आईजीआर (महानिरीक्षक पंजीयन एवं नियंत्रक स्टाम्प) कार्यालय, जिसका मुख्यालय पुणे में है. उनके द्वारा 1 नवंबर से लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट 2.0 सिस्टम की शुरुआत की जा रही है, जिसके अंतर्गत वह किरायेदार और संपत्ति मालिक के रेंट एग्रीमेंट (किरायानामा) को सीधे संपत्ति के आधिकारिक क्षेत्र में स्थित पुलिस स्टेशन को भेजेगा. इस योजना से पुलिस सत्यापन प्रक्रिया आसान हो जाएगी, जिससे निवासियों को स्टेशन नहीं जाना होगा और इस प्रक्रिया में अधिक समय नहीं लगेगा. इस लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट 2.0 सिस्टम के चलते मालिकों को दपतावेज के पंजीकरण के समय स्टांप शुल्क और अन्य शुल्कों का भुगतान करना पड़ेगा. इसके साथ ही साइबर क्राइम को मद्देनजर रखते हुए आईजीआर कार्यालय ने अपने पंजीकरण गेटवे को सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) से जोड़ दिया है. लगातार उप-रजिस्टर से किरायेदार पंजीकरण दस्तावेजों के अप्रूवल में दिक्कतें आ रही थीं, जिससे नागरिकों को अंतिम पंजीकरण प्रक्रिया में देरी का सामना करना पड़ रहा था. पिछले कुछ वर्षों से निवासियों ने लीव एंड लाइसेंस 1.9 पहल के तहत दपतावेज पंजीकरण के लिए असुविधा का सामना करने की शिकायत की थी, जिसको मद्देनजर रखते हुए आईजीआर कार्यालय द्वारा लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट 2.0 सिस्टम लागू करने का फैसला लिया गया है.
आईजीआर कार्यालय ने एनआईसी (नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर) के सहयोग से इस नई प्रक्रिया को विकसित किया और इसका ऑनलाइन परीक्षण अभी भी जारी है. 1 नवंबर से पुरानी प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा और उसकी जगह 2.0 वर्जन नई प्रक्रिया के रूप में लागू किया जाएगा. पंजीकरण एवं स्टाम्प के महानिरीक्षक हीरालाल सोनवणे ने बताया कि निवासियों को अब किराएदार के दस्तावेज जमा करने के लिए पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं होगी. वे https.//igrmaharashtra. gov.in पर ऑनलाइन टेस्ट मोड में सुविधा देख सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं और feedback. leavelicense@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं. आईजीआर कार्यालय का लिंक पुलिस विभाग के आईटी विंग से जुड़ा है, जो ऑनलाइन पंजीकृत और अपलोड किए गए रेंट एग्रीमेंट दपतावेज के डेटा को आसानी से सत्यापित कर जानकारी दे सकता है.
गेरा डेवलपमेंट्स के प्रबंध निदेशक रोहित गेरा ने बताया कि यह एक सराहनीय कदम है जो मालिकों एवं पुलिस विभाग दोनों के समय की बचत करेगा और प्रक्रिया की असुविधाओं को कम करेगा. इसके अतिरिक्त, पंजीकरण डेटा का यह विस्तारित उपयोग उपभोक्ताओं को और अधिक सहायता प्रदान करते हुए, रेरा परियोजनाओं को शामिल करने के लिए इसकी उपयोगिता बढ़ाएगा.