पुणे, 2 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
नाबार्ड महाराष्ट्र क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 26 सितंबर को विदर्भ क्षेत्र में पशुपालन और संबद्ध गतिविधियों की संभावना और घर-घर केसीसी अभियान पर नागपुर में एक क्षेत्रीय निवेश ऋण कार्यशाला का आयोजन किया गया .कार्यशाला का उद्देश्य पशुपालन और संबद्ध क्षेत्रों के तहत वित्तपोषण के अवसरों का पता लगाना था. इसके साथ ही केसीसी के माध्यम से सभी पात्र और इच्छुक किसानों को वित्तीय सहायता देना सुनिश्चित करना था. इस कार्यशाला में सचिन वाई.शेंडे (क्षेत्रीय निदेशक,भारतीय रिजर्व बैंक,नागपुर), जी.एस. रावत (मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड) सतीश राजू (क्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त,पशुपालन,महाराष्ट्र सरकार), डॉ.वी.श्रीधर (वरिष्ठ महाप्रबंधक,विदर्भ मराठवाड़ा डेयरी विकास परियोजना) सहित बैंकों के क्षेत्रीय और आंचलिक प्रमुख, प्रबंध निदेशक, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक, अध्यक्ष,आदि उपस्थित थे.
सचिन वाई.शेंडे ने विकास लक्ष्यों और महिला सशक्तिकरण में योगदान के संदर्भ में पशुपालन क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने पशु उत्पादकता बढ़ाने, स्वास्थ्य निगरानी, जागरूकता सृजन, क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी अपनाने और योजनाओं के बीच ऋण वितरण और अभिसरण की सुविधा के लिए ब्याज सहायता और पूंजी सब्सिडी योजनाओं के उपयोग पर भी जोर दिया. जी.एस.रावत ने विदर्भ क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन, वर्षा आधारित खेती, कम सिंचाई कवरेज जैसी कृषि क्षेत्र के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए, किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पशुपालन क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में डॉ. सतीश राजू, डॉ.श्रीधर ने भी अपने विचार व्यक्त किए.महाप्रबंधक डॉ. प्रदीप एस.पराते ने कार्यशाला का सारांश प्रस्तुत किया और उपमहाप्रबंधक अविनाश तिवारी ने आभार व्यक्त किया.