दापोड़ी, 2 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
समाज में किसकी संख्या कितनी है, इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है. इसके लिए जाति आधारित जनगणना आज वक्त की जरूरत बन गई है. किस जाति के कितने लोग देश और राज्य में हैं, लोगों को इसका पता एक बार चलने तो दो. इसकी जानकारी हुए बगैर उनसे संबंधित विकास योजनाएं कैसे बनायी जा सकती हैं. समाज का जो तबका सबसे कमजोर है, उसकी मजबूती के लिए देश और राज्य की ताकत का इस्तेमाल करना आज की सच्ची जरूरत है. ये बातें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहीं. वे भारतीय भटके विमुक्त प्रतिष्ठान संघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
पार्टी में दो गुट बनने के बाद शरद पवार का यह पहला शहर दौरा था. इस दौरान पिंपरीचिंचवड़ में उनका जोरदार स्वागत देखने को मिला. दापोड़ी में आयोजित इस कार्यक्रम में संगठन की ओर से वरिष्ठ कार्यकर्ता बाबा आढाव ने सम्मानपत्र प्रदान कर शरद पवार को सम्मानित किया. कार्यक्रम में संगठन के अध्यक्ष शिवलाल जाधव, कार्याध्यक्ष भारत जाधव, प्रशांत जगताप, तुषार कामठे आदि उपस्थित थे. शरद पवार ने कहा कि भटक्या विमुक्ति की समस्याओं से कितने नेता और कार्यकर्ता परिचित हैं तथा उन्हें दूर करने की उनमें कितनी इच्छाशक्ति है, इस बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है.
राजनेता इसे अलग नजरों से देखते हैं. एक वक्त था जब सोलापुर, बारमती में भटक्या समाज के लोगों को अपराधी मानकर तार के बाड़े में रखा जाता था. आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खुद सोलापुर जाकर उक्त बाड़ के तारों को तोड़ दिया. आज भी आप विमुक्त हैं लेकिन आपको कोई अपराधी नहीं कहता. हमारी सरकार के दौरान हमने इस समाज को सबल बनाने के लिए बहुत सारे काम किये. लेकिन आज भी एक बड़ी आबादी अलग थलग हालात में रह रही है. उन्हें भी इस हालात से बाहर निकालने की जरूरत है, जिसके लिए देश और राज्य के राजनेताओं का नजरिया बदलने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का पूरा हल तभी संभव है जब राज्य सहित पूरे देश में जाति आधारित जनगणना करायी जाये. यह आज के वक्त की जरूरत बन गई है. उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि कुछ राजनेता आदिवासियों को वनवासी कहने लगे हैं. आदिवासी इस देश की पुरातन संस्कृति का हिस्सा हैं. आदिवासी ही जल, जंगल, जमीन के असली मालिक हैं. अब इनकी संस्कृति और प्रार्थना पद्धति को बदलने की कोशिश की जा रही है. यह आज के आदिवासी युवाओं को स्वीकार नहीं है. शिवनेरी की तलहटी में आदिवासी युवाओं ने यह बात मुझे बतायी. पार्टी में दो गुट बन जाने के बाद शरद पवार का यह पहला शहरागमन था. इस दौरान पिंपरीचिंचवड़ में उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
शरद पवार का साथ दें ; आढाव बाबा
आढाव ने तंज कसते हुए कहा कि देश का नाम भारत है या इंडिया, इस पर बहस चल रही है जबकि देश में लोगों के पास रोजगार नहीं है, बेरोजगारी और मंहगाई चरम पर है, राज्य सहित कई स्थानों पर अकाल की आशंका है. लेकिन इन पर कोई बात नहीं हो रही. मौजूदा हालात में आदमी के एक दिन का ठिकाना भी निश्चित नहीं रह गया है. इसकी वजह ये है कि आज जनसेवा नहीं, सत्ता के भूखे लोग सरकार में बैठे हुए हैं. चुनाव तो आते जाते रहेंगे, पर शरद पवार जैसा इंसान कोई दूसरा नहीं होगा. इसलिए देश और राज्य में हालात बदलना चाहते हैं तो आप सभी शरद पवार का साथ दें.