विचारों के प्रति श्रद्धा हो तो व्यक्ति मृत्यु के बाद भी जीवित रहता है

30 Oct 2023 11:24:25
 
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पुणे, 29 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
विधायक विनायक निम्हण उर्फ आबा का निधन हुए एक साल हो गया, लेकिन उनकी सेवारूपी विरासत को उनके पुत्र सनी निम्हण आगे चला रहे हैं. अपने विचारों के प्रति श्रद्धा व निष्ठा हो तो व्यक्ति मरने के बाद भी जीवित रहता है. आबा के सामाजिक कार्यों से उनके विचारों का दर्शन होता है. यह राय उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने व्यक्त की. सोमेश्वर फाउंडेशन द्वारा बालगंधर्व रंगमंदिर में कार्यसम्राट विधायक विनायक निम्हण के पहले स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 368 जरूरतमंद छात्रों को विनायक निम्हण गौरव छात्रवृत्ति प्रदान की गई. इस अवसर पर पाटिल बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि जर्मनी के इस देश में 4 लाख युवाओं की जरूरत है और इसके लिए मंत्रियों के 6 ग्रुप बनाए गए हैं.
 
सरकार इस पर काम कर रही है. पाटिल ने आशा व्यक्त की कि सोमेेशर फाउंडेशन द्वारा दी गई छात्रवृत्ति से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. आयोजक सनी निम्हण ने प्रास्ताविक भाषण में कहा, हम आबा द्वारा दी गई शिक्षाओं और उनके सामाजिक कार्यों की विरासत को जारी रखे हुए हैं. छात्रवृत्ति वितरण के अवसर पर यह महसूस हुआ कि कोरोना के कारण परिवार में कमाने वाले की मृत्यु हो जाने के कारण कई परिवार आर्थिक संकट में हैं. हम सभी को अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सोमेेशर फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक कार्य जारी रखेंगे.
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सिम्बायोसिस के संस्थापक डॉ. एस.बी. मुजुमदार ने कहा, दिवंगत विधायक विनायक निम्हण इस बात से वाकिफ थे कि व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा ये दो चीजें महत्वपूर्ण हैं. राजनीति में रहते हुए भी निम्हण ने सामाजिक कार्य करना नहीं छोड़ा. जैसा कि कहा जाता है, जो देता है वह भगवान और जो बचाकर संग्रह करता है वह राक्षस. इसी बात को ध्यान में रखकर वे जरूरतमंदों की मदद करते रहे.
 
इस दौरान राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर ने भी भाषण दिया. इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. सुरेश गोसावी, आर्किटेक्ट क्रिस्टोफर बेनिंजर, पुणे जिला शिवसेना के संपर्क प्रमुख सचिन अहीर, विधायक सिद्धार्थ शिरोले, विधायक अतुल बेनके, विधायक सत्यजीत तांबे, पूर्व मंत्री सुरेश नवले ने भी अपने विचार व्यक्त किये. मिलिंद कुलकर्णी और अमित मुरकुटे ने संयुक्त रूप से सूत्र-संचालन किया, जबकि उमेश वाघ ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
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