स्वाभिमानी शेतकरी संघटना द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 3500 करने की मांगपूरे राज्य में गन्ना किसानाें ने च्नकाजाम किया. स्वाभिमानी शेतकरी संघटना ने इस आंदाेलन काे अंजाम दिया. न्यूनतम समर्थन मूल्य 3500 रुपये करने की मांग की जा रही है. टाेल-नाकाें पर भी नारेबाजी व प्रदर्शन किये गये. विस्तार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गन्ना किसानाें के अधिकाराें के लिए आंदाेलन करने वाले संगठन ‘स्वाभिमानी शेतकरी संघटना’ (एसएसएस) ने रविवार काे महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्राें में ‘च्नका जाम’ आंदाेलन किया. किसान पिछले साल के गन्ने के लिए अनुदान की दूसरी किस्त के रूप में 400 रुपए और इस वर्ष उत्पादित खाद्य फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 3500 रुपए प्रति टन की मांग काे लेकर सड़काें पर उतर आए. एसएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू शेट्टी ने इस जिले के हातकणंगले में अंकाली टाेल नाका पर विराेध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. शेट्टी ने पत्रकाराें काे संबाेधित करते हुए कहा कि एसएसएस ने 13 सितंबर से आंदाेलन की राह पकड़ ली है.
उन्हाेंने कहा,लेकिन राज्य सरकार और चीनी मिल मालिकाें ने जिला कलेक्टर कार्यालय में हुई तीन बैठकाें के बावजूद हमारी मांगाें काे स्वीकार नहीं किया है. इसलिए हमने काेल्हापुर और सांगली जिलाें के गन्ना बेल्ट और राज्य के विभिन्न हिस्साें में रविवार काे च्नका जाम आंदाेलन किया. शेट्टी ने राज्य सरकार काे चेतावनी दी कि अगर 21 नवंबर तक किसानाें की मांगाें पर काेई निर्णय नहीं लिया गया, ताे एसएसएस कार्यकर्ता पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग काे अवरुद्ध कर देंगे.उन्हाेंने कहा, शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार असंवेदनशील है और उसने किसानाें की मांगाें की उपेक्षा की है. इसके अलावा, न ताे राज्य सरकार और न ही केंद्र हमारी मांगाें के प्रति गंभीर हैं. वे श्नकर मिल मालिकाें के हिताें की रक्षा करने में व्यस्त हैं. बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर यातायात सुचारू कराने का प्रयास किया.एसएसएस प्रदर्शनकारियाें ने पुणे, हातकणंगले, नरसिंगवाड़ी, कबनूर, इचलकरंजी, हेरवाड़, हुपारी, वड़गांव, कागल, चांदगढ़, काेडाेली, सांगली, सातारा, साेलापुर, अहमदनगर, उस्मानाबाद , बीड, लातूर, नंदुरबार, नांदेड़, परभणी सहित अन्य स्थानाें पर प्रदर्शन किया.