रामकथा के अमृत वचन
रामकथा के अमृत वचन
- टीवी पर एक सीरियल चल रहा है 11 साल से. उसमें कोई परिवार दिखाया जा रहा है, उसमें एक पुरुष उसी परिवार की दो स्त्रियों से विवाह कर चुका है और तीसरी उत्सुक है. हमारा आपका ऐसा कोई परिवार नहीं है. वो लम्पटों का परिवार है. वो ये सब दिखाते हैं ताकि उनके परिवार को मान्यता मिल सके.
- रिटायरमेंट तो विदेशी कॉन्सेप्ट है, भारत में तो रिटायरमेंट है ही नहीं. विदेशियों ने जीवन को दो हिस्सों में बाँट दिया है.
- भारत कृषि प्रधान देश है और ऋषि प्रधान देश भी है. यहाँ कृषि संपदा और ऋषि संपदा का अद्भुत मेल है.
- राम हुए के नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चला. बीच में राम नवमी की छुट्टी आ गई. मैंने जज साहब से पूछा अगर राम नहीं हुए तो छुट्टी कैसी?
- जिस देश के भगवान श्यामल सुंदर हैं, उस देश के लोगों को बताया जा रहा है कि गोरा रंग सुंदर होता है. और ये बात वो बता रहे हैं जिन्होंने 200 साल राज किया. जो बात हजारों सालों से हमें पता है उसे मिटाया जा रहा है.
- सौ कमियाँ हो सकती हैं हम में, पर इस देश जैसा कोई देश नहीं दुनिया में.
- मृत्यु की आँख में धूल झोंककर जीवन खोजने का जो हुनर हम में है, वो किसी में भी नहीं !
- पश्चिम वाले मंगल पर जीवन ढूँढते हैं और हम जीवन में मंगल ढूँढते हैं.
- अक्सर पिता बच्चों की शरारतों का ताना माँओं को देते हैं, जबकि वे ख़ुद भी इसमें बराबर के हकदार होते हैं.
- जीवन में एक बार आनंद आ जाये तो ज्ञान की आवश्यकता ही नहीं.
- तू बाहर के ब्रह्मांड को मत देख, पहले अपने भीतर के ब्रह्मांड को देख!
- यश क्या है, जितना मिल गया उतना कम है.
- जो सोने के चक्कर में पड़ा, वो सोया हुआ ही है.