पुणे, 18 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
विद्यालय हो तो ऐसा, जहां शिक्षा के साथसाथ राष्ट्रीय एकरुपता का पाठ भी बखूबी पढ़ाया जा रहा है. यहां हर एक विद्यार्थी की सफलता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उज्जवल भविष्य के लिए उसे प्रोत्साहित किया जा रहा है. यहां संस्कार की साधना हो रही है. यहां संस्कार की साधना हो रही है. अनुशासन, सदाचार और सदगुण की त्रिवेणी विद्यालय की नींव है. ऐसी ही अनगिनत खूबियों को समेटा हुआ है पुणे के एस.एम.जोशी हिंदी माध्यमिक विद्यालय ने. इस विद्यालय के पूर्व छात्रों में राजेंद्र बांठिया, आशा ओसवाल, उषा लाहोटिया, नगराज गुंदेशा, सुरेश रांका, हरीश गुंदेशा, गुरबंश कौर, महेश डोंगरे आदि मान्यवर शामिल हैं. विद्यालय में प्रत्येक के लिए स्वतंत्र प्रांत दिया गया है. उस कक्षा में उस प्रांत की पूरी जानकारी दी जाएगी.
इससे छात्र दसवीं कक्षा तक देश के सभी प्रांतों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे संस्कृति का आदान-प्रदान होता है और छात्रों के मन में एकता की भावना बढ़ती है. विद्यालय प्रति सोमवार और गुरुवार को स्वच्छता मौन में रहकर करते हैं. शुक्रवार को सामूहिक प्रार्थना होती है. सभागृह में सिर्फ चुटकियां ही बजाई जाती हैं विद्यार्थी अनुशासनप्रिय बनें इसका यही उद्देश्य है. यहां पढ़ाई की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है, सुबह नौंवी और दसवीं की अतिरिक्त कक्षाएं, छुट्टियों में विशेष मार्गदर्शन, अवकाश के दिनों में समूह चर्चा, टेस्ट सीरीज छात्र-अध्यापक योजना से विद्यार्थी अध्ययन इसी प्रवास से विद्यालय का कक्षा 10वीं का रिजल्ट 100 प्रतिशत रहता है. विद्यार्थियों के सुप्त गुणों का विकास हो, इस दृष्टि से विद्यालय में निबंध स्पर्धा, वक्तृत्व स्पर्धा, क्रीड़ा स्पर्धा आदि का आयोजन किया जाता है. विद्यालय के कई विद्यार्थियों ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किए हैं और विद्यालय की गरिमा बढ़ाई है. विद्यालय द्वारा विद्यार्थी कल्याण योजना चलाई जाती है. जरुरतमंद विद्यार्थियों की हर जरुरतों को पूरा करने का प्रयास किया जाता है. इस वर्ष कुल 52 विद्यार्थियों को पूर्ण गणवेश, बस्ता और कापियां मुफ्त में वितरित की गई हैं.
68 वर्षों की गौरवशाली परंपरा
महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा द्वारा संचालित एस.एम.जोशी हिंदी माध्यमिक विद्यालय की स्थापना सन 1956 में हुई थी. 68 वर्ष की अपनी गौरवशाली परंपरा विद्यालय ने कायम रखी है. हर क्षैत्र में विद्यालय के पूर्व छात्र कार्यरत हैं और देश-विदेश में अपना नाम रोशन कर रहे हैं. यह गौरव की बात है. स्वच्छ, सुंदर व्यवहार और निस्वार्थ भावना से विद्यार्थी सेवा एवं ज्ञानदान का कार्य इस विद्यालय में किया जाता है. जो प्रशंसनीय है. संस्था के अध्यक्ष उल्हासदादा पवार के मार्गदर्शन से विद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है. शाला समिति की अध्यक्ष डॉ. वीणा मनचंदा के मार्गदर्शन में विद्यालय नई-नई ऊंचाइयां छू रहा है. विद्यालय समन्वयक लक्ष्मी गिडवाणी का सहयोग हमेशा प्रशंसनीय रहता है. कर्तव्य दक्ष और अनुशासनप्रिय प्रधानाचार्या सुश्री रणबीर गौतमजी के प्रयासों से विद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है. पर्यवेक्षक आबा गायकवाड़ तथा सभी अध्यापकों का सहयोग प्रशंसनीय है.