बाजार में नये चावल की आवक शुरु, लेकिन कीमतें बढ़ीं

सीजन की शुरुआत में ही 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी; जयराज ग्रुप के निदेशक धवल शाह ने दी जानकारी

    23-Dec-2023
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गुलटेकड़ी, 22 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
बाजार में नये चावल की आवक शुरू हो गयी है. हालांकि, इस साल नए चावल सीजन की शुरुआत में सभी प्रकार के चावल की कीमत में 15 से 20% की बढ़ोतरी हुई है. इस साल गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, नए सीजन में कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है. सबसे पहले, महाराष्ट्र से आने वाले इंद्रायणी चावल और विदर्भ, नागपुर, भंडारा से आने वाले कोलम चावल की कीमत में इस नए सीजन में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई है. पिछले दिसंबर में इंद्रायणी चावल की कीमत 4,000 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल थी. यह इस साल 5,500 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. इसी तरह पिछले साल कोलम चावल की कीमत 4,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल थी. वह इस साल 5,500 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है.
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]कम बारिश के कारण मध्य प्रदेश में सुरती कोलम या एचएमटी कोलम के उत्पादन में 60 से 70% की गिरावट आई है. इसलिए कीमत भी बढ़ गई है. हालांकि कम वर्षा के बावजूद अम्बेमोहोर चावल की कीमतें पिछले साल की तरह ही हैं, क्योंकि पिछले साल कीमत ऊंची थी, इसलिए खूब रोपाई हुई है. अतः अंबेमोहोर चावल का उत्पादन प्रचुर मात्रा में हुआ है.गुजरात के सूरती कोलम या गुजरात 17 किस्म के चावल की कीमतें भी बढ़ गई हैं. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के मसूरी, डैश, परिमल और सोनमसूरी चावल का भी यही हाल है. बताया गया है कि कुछ राज्यों में चुनाव के दौरान या किसी राजनीतिक योजना के तहत सस्ता चावल उपलब्ध कराने के वादे को पूरा करने के लिए सस्ती दर पर चावल दिया जा रहा है. इसके चलते इस साल बासमती और गैर-बासमती चावल की कीमतें 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से आने वाले बासमती चावल की कीमतें पिछले साल दिसंबर में 10,000 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल थीं. इस साल यह बढ़कर 11,500 से 13,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं.
 
चावल के उत्पादन में गिरावट आई
 

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चावलों की ऊंची कीमतों का कारण चावल उत्पादन के लिए जरूरी बारिश से कम बारिश होना और कुछ जगहों पर उत्पादन के समय बेमौसम बारिश के कारण भी फसल को काफी नुकसान हुआ है. इसके चलते इस साल चावल के उत्पादन में बड़ी गिरावट आई है. साथ ही कुछ उत्पादों की गुणवत्ता निम्न हो गई है. विभिन्न कारणों से इस साल नए सीजन की शुरुआत में अंबेमोहोर को छोड़कर बाकी चावल की सभी किस्मों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 15 से 20% की बढ़ोतरी हुई है.
                                                                                         - धवल शाह, जयराज ग्रुप के निदेशक और चावल के निर्यातक