हाईकोर्ट द्वारा ‌‘अन्ना इडली' एवं ‌‘अन्ना इडली गृह' को राहत देने से इन्कार

07 Dec 2023 15:03:02

cou 
 
पुणे, 6 दिसंबर (आ.प्र.)
 
अन्ना इडली रेस्टॉरेंट के मालिक एसएस कलासगोंड ने जनवरी में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी और मांग की थी कि एक अन्य रेस्तरां संचालक, जिसका नाम केवल ‌‘अन्ना' है, उस रेस्टोरेंट को कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए और पुणे में इस नाम से व्यवसाय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हालांकि शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है, नाम में ‌‘अन्ना' रखने से 'कॉपीराइट' का उल्लंघन नहीं होता है और चूंकि यह एक सामान्य नाम है, इसलिए कोई भी नाम में ‌‘अन्ना' का उपयोग कर सकता है. ऐसा कहते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुद्दा अनुचित बताकर ‌‘अन्ना इडली' या ‌‘अन्ना इडली गृह' को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया.
 
सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता कलासगोंड ने यह साबित नहीं किया है कि पिछले 12 वर्षों से नाम का उपयोग करने से क्या सद्भावना पैदा हुई है और उसी नाम के दूसरे रेस्तरां को क्या लाभ होगा जिसके बाद अदालत ने कहा, प्रथमदृष्टया मामला साबित करने के लिए, वादी (कलासगोंड) ने जनता के बीच अपने ब्रांड की लोकप्रियता को साबित नहीं किया है.पुणे में विरोध क्यों? न्यायमूर्ति संदीप मारणे ने बताया कि अन्ना शब्द एक सामान्य शब्द है. यह दक्षिण भारतीय व्यंजनों से जुड़ा है और ‌‘अन्ना' के मालिक शब्द की प्रसिद्धता को साबित नहीं कर सकते हैं और पंजीकरण भी पिछले वर्ष ही किया गया है, तो अभी इसे ट्रेडमार्क में कहा ही नहीं जा सकता. इसके अलावा अन्ना शब्द का प्रयोग विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों में किया जाता है.
 
इसका प्रयोग आमतौर पर बड़े भाई या वरिष्ठ व्यक्ति को सम्मानपूर्वक संबोधित करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, ‌‘अन्ना' का अर्थ इडली, डोसा और अन्य दक्षिण भारतीय भोजन भी होता है. शब्द में ‌‘एन' अक्षर का अलग-अलग उच्चारण करके दो अलग-अलग अर्थ बताए जाते हैं. मुंबई में भी ‌‘अन्ना' नाम के कई रेस्तरां हैं, और बिना किसी शिकायत के संचालित हो रहे हैं, तो फिर पुणे में विरोध क्यों? इस बीच, सुनवाई के दौरान दोनों रेस्तरां ने अदालत के समक्ष उल्लेख किया कि उनका नाम ‌‘अन्ना' ट्रेडमार्क रजिस्टर में दर्ज किया गया था. वकील हिरेन कामोद और अजिंक्य जयभावे अन्ना इडली की ओर से पेश हुए और चेतन अलाई ‌‘अन्ना' रेस्तरां के मालिक की ओर से पेश हुए थे. अदालत ने एकाधिकार की मांग को खारिज करते हुए यह भी कहा कि दोनों ब्रांड ‌‘अन्ना' नाम वाले ट्रेडमार्क के साथ पंजीकृत थे, इसलिए किसी भी पक्ष पर प्रतिबंध लगाने का मुद्दा अनुचित है.
Powered By Sangraha 9.0