प्रोटीन और विटामिन-डी की सही मात्रा के सेवन से फ्रैक्चर के खतरे से बचा जा सकता है

साईश्री हॉस्पिटल के एमडी व चीफ रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन और स्पोट्‌‍र्स इंजुरी स्पेशलिस्ट डॉ. नीरज आडकर की सलाह

    11-Mar-2023
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 डॉ. नीरज आडकर
चीफ रोबोटिक जॉईंट रिप्लेसमेंट सर्जन
और स्पोट्‌‍र्स इंज्यूरी स्पेशालिस्ट
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डीपी रोड, औंध, पुणे 411007
फोन ः 020-67448600/25888600
मोबा ः 9689930608/12
web : www. saishreehospital.org
 
 
उम्र बढ़ने के साथ-साथ, चलते समय संतुलन बनाए रखना कठिन होता जाता है. इस उम्र में हड्डियों की मजबूती भी कम होती जाती है अतः घर के बुजुर्गों का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें. आजकल फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ गया है लेकिन अपने स्वास्थ्य का सही तरह से ध्यान रखकर, उसे कम किया जा सकता है. अब इसके लिए एंडवांस्ड उपचार भी उपलब्ध हैं. पुणे के साईश्री हॉस्पिटल के संचालक एवं रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. नीरज आडकर ने इस संदर्भ में पूछे गए प्रश्नों के विस्तारपूर्वक उत्तर देकर हमारी शंकाओं का समाधान किया.
 
सर, मेरी दादी 85 वर्ष की हैं. चलते समय गिरने से बचने के लिए, वे छड़ी  का उपयोग करती हैं. क्या इस उम्र में उनकी हड्डियां मजबूत बनाए रखने के लिए कोई उपचार या कोई अन्य तरीका है? लगभग 5 महीने पहले हमने उनका डेक्सा स्कैन  करवाया था. उसमें पाया गया कि उनका ऑस्टियोपोरोटिक लेवल बहुत ज्यादा है. उन्हें फ्रैक्चर से बचाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
 
उत्तर : इस उम्र में हड्डियों और मांसपेशियों के कमजोर हो जाने के कारण, गिरकर जख्मी होने का खतरा बना रहता है. इससे बचने के लिए, चलते समय छड़ी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है. आपकी दादी को ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) नामक बीमारी हुई हो तो उसके लिए उसके स्तर (Level) के अनुसार उपचार कराना होगा. इसके लिए इंजेक्शन या नेजल स्प्रे द्वारा उपचार किया जाता है. आपकी दादी के लिए कौन सा उपचार सही रहेगा, इसकी सलाह उनका उपचार करने वाले डॉक्टर ही देंगे. हालांकि यह उपचार शुरू कराने से पूर्व, उनके रक्त की जांच करानी होगी.
 
डॉक्टर, क्या सभी तरह के फ्रैक्चर के लिए सर्जरी की जाती है? फ्रैक्चर से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
 
उत्तर : अधिकतर फ्रैक्चर का इलाज पारंपरिक तरीके से यानी प्लास्टर चढ़ाकर या पीड़ित अंग को आधार देकर किया जाता है ताकि उस अंग की गतिविधियां (Immobilization). हालांकि कुछ लोगों को इसके लिए सर्जरी कराने की आवश्यकता पड़ती है. हड्डियां स्वस्थ रखकर और मांसपेशियों की क्षमता बनाए रखकर, फ्रैक्चर के खतरे से बचा जा सकता है. यदि ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी हो तो उसका सही तरीके से उपचार कराना चाहिए. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और विटामिन-डी का सेवन किया जाए. इन सरल उपायों से आप शरीर को स्वस्थ रखकर, फ्रैक्चर के खतरे से बच सकते हैं.
 
क्या आप रक्त की जांच किए बिना विटामिन-डी और कैल्शियम की गोलियां खाने की सलाह देंगे? मैं 43 वर्ष का पुरुष हूं और मुझे पैरों में बार-बार तकलीफ होती है.
 
उत्तर : 40 वर्ष और उससे अधिक आयु समूह के लोगों को कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है. हालांकि उसके लिए डेक्सा स्कैन या हड्डियों के घनत्व की जांच (Bone density test) के द्वारा यह देखा जाता है कि क्या बोन मिनरल डेंसिटी (bone mineral density) भी कम हुई है. आजकल कई लोगों में विटामिन-डी की कमी पाई जाती है. इसके बावजूद, किसी भी तरह के सप्लीमेंट्स का सेवन शुरू करने से पहले विटामिन-डी के स्तर की जांच कराना सही रहता है क्योंकि शरीर में विटामिन-डी के स्तर के अनुसार ही इन सप्लीमेंट्स की खुराक तय की जाती है.
 
डॉक्टर, क्या घुटनों के प्रत्यारोपण  के बाद भी संधिवात की समस्या हो सकती है?
 
उत्तर : घुटनों के पूर्ण प्रत्यारोपण की सर्जरी के बाद ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) की समस्या उत्पन्न नहीं होती. हालांकि रूमेटाइड एर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis), गठिया (gout) अथवा यूरिक एसिड के बढ़े हुए स्तर के कारण, घुटने के पूर्ण प्रत्यारोपण की सर्जरी के बाद ऐसी समस्या हो सकती है. यदि सर्जरी के बाद घुटनों में दर्द हो तो उसके लिए संधिवात विशेषज्ञ (Rheumatologist) या ऑर्थोपेडिक सर्जन से मिलकर उनकी सलाह लें.
 
डॉक्टर, क्या संधिवात युवावस्था में भी हो सकता है? मेरी उम्र 30 वर्ष है. सुबह सोकर उठने पर मेरी पीठ और टखने (अपज्ञश्रश) में दर्द रहता है.
 
उत्तर : यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने के कारण युवाओं में भी रूमेटॉइड आर्थराइटिस या गाउट जैसे संधिवात के विकार देखे जाते हैं. अतः युवावस्था में भी संधिवात हो सकता है. मेरी सलाह यही है कि चूंकि इस उम्र में आपकी पीठ और जोड़ों में दर्द है तो आपको जल्दी से जल्दी विशेषज्ञ से जांच करवा कर उचित उपचार कराना चाहिए.
 
कैसे जाना जा सकता है कि शरीर में होने वाला दर्द थकान के कारण हो रहा है अथवा हड्डियों या जोड़ों के कमजोर होने के कारण?
 
उत्तर : यह प्रश्न जरा अलग है लेकिन इसका उत्तर यह है कि यदि आराम करने के बाद आपके शरीर का दर्द चला जाए तो उसे थकान से अथवा व्यस्त दिनचर्या के कारण होने वाला दर्द समझें. हालांकि आराम करने के बाद भी दर्द बना रहे या रोज थोड़ा-थोड़ा बढ़ता रहे तो उसे संधिवात या हड्डियों और मांसपेशियों से संबंधित समझें. यदि आपको लंबे समय से दर्द हो रहा हो डॉक्टर से जांच अवश्य कराएं.