किसानाें की सभी मांगें सरकार द्वारा मंजूर

    18-Mar-2023
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Kisan
 
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में की महत्वपूर्ण घाेषणासभी मांगें सरकार द्वारा मंजूर कर ली गई हैं. यह घाेषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में की. सीएम शिंदे ने किसानाें से अपील कि वे अपना लांग मार्च वापस लें. सीएम ने आगे बताया कि प्याज पर प्रति ्निवंटल 300 के बजाय सरकार अब 350 रूपए का अनुदान देगी. उसी तरह आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानधन भी बढ़ाया जायेगा. अधिकारी आदिवासी एवं ग्रामीण क्षेत्राें में स्वयं जाकर स्थिति के अनुसार सुविधाएं देंगे. 14 मांगाें पर सरकार सकारात्मक है. इसके लिए समिति गठित की जायेगी. समिति में किसान संगठनाें के प्रतिनिधियाें का समावेश किया जायेगा. एक महीने में रिपाेर्ट मिलने के बाद फैसलाें पर अंमल किया जायेगा. राज्य सरकार किसानाें व कर्मचारियाें के हित काे देखते हुए हर संभव उपाय करेगी. हम किसानाें काे मदद कर रहे हैं.
 
और आगे भी मदद करते रहेंगे. बेमाैसम बारिश से किसानाें की फसलाें का जाे नुकसान हुआ है. उसका मुआवजा भी सरकार द्वारा दिया जायेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने शुक्रवार काे विधानसभा में आश्वासन दिया कि उन्हाेंने अतीत में भी नियम और मापदंड बनाकर किसानाें की मदद की है और आज भी हम उनकी मदद कर रहे हैं. हाल के दिनाें में पूरे महाराष्ट्र में बेमाैसम बारिश से फसल नुकसान का पंचनामा किया जा रहा है. शिंदे ने राज्य विधानसभा में कहा कि नांदेड़, नासिक के जिला कलेक्टराें से संपर्क किया गया है और उन्हें इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं.विपक्ष के नेता एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार द्वारा बेमाैसम बारिश के कारण क्षतिग्रस्त फसल के मुद्दे पर उठाये गए सवाल का जवाब शिंदे दे रहे थे.
 
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, राज्य में बेमाैसम बारिश\ से हुए नुकसान के संबंध में मैंने नांदेड़ और नासिक के जिला कलेक्टराें से बातचीत की है, उन्हें तुरंत नुकसान का पंचनामा करने का निर्देश दिया गया है, जिसके अनुसार अर्धापुर और मुदखेड तालुकाें की उनकी उपस्थिति में पंचनामा किया जा रहा है. किसानाें के फसल नुकसान की रिपाेर्ट जल्द ही सरकार काे मिल जाएगी. पिछले सप्ताह हुई भारी बारिश से हुए नुकसान का पंचनामा लगभग पूरा हाे चुका है, जिन इलाकाें में गुरुवार से बारिश हाे रही है, वहां भी पंचनामा शुरू किया जा रहा है. सरकार के आश्वासन के बाद किसानाें और आदिवासियाें ने अपना मार्च फिलहाल राेक दिया है, लेकिन उनके प्रतिनिधियाें ने शुक्रवार काे कहा कि अगर उनके मुद्दाें के समाधान के लिए सरकार की ओर से काेई ठाेस कदम नहीं उठाए गए, ताे वे मुंबई की तरफ कूच करेंगे.