पुणे, 17 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
ट्रिब्यूनल के फैसले के बावजूद ठेकेदार कंपनी को जीएसटी की राशि का भुगतान नहीं करने वाली पुणे मनपा को जिला कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने ठेकेदार कंपनी की 2 करोड़ 81 लाख 19 हजार रुपये की जीएसटी राशि का भुगतान नहीं करने पर मनपा के बैंक खाते में जमा राशि को फ्रीज करने का निर्णय दिया है. ट्रिब्यूनल के निर्णय के बाद भी मनपा द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने और लापरवाही की वजह से मनपा की तिजोरी को यह फटका लगा है. यह मामला मनपा के बिजली विभाग में हुआ. मनपा की सीमा में बिजली की बचत के लिए मनपा के विद्युत विभाग ने उज्ज्वल पुणे प्रा.लि. (टाटा कंपनी) को शहर में लगे सोडियम, मेटेलाइड लैंप को हटाकर उनकी जगह एलएडी लगाने का काम दिया था. इन लेंप के कारण उक्त कंपनी को बिजली बचत बिल का 98.5 प्रतिशत व मनपा को 1.5 प्रतिशत राशि मिलती है. जीएसटी दर में बदलाव होने के बाद उक्त कंपनी ने 2019 से 7 प्रतिशत ब्याज के साथ इस कर के अतिरिक्त बोझ के रूप में मनपा से 3 करोड़ 31 लाख 98 हजार 595 रुपये की मांग की. लेकिन उक्त राशि मनपा द्वारा खारिज कर दी थी, इसलिए कंपनी ट्रिब्यूनल के पास गई और ट्रिब्यूनल ने भी यह निर्णय दिया कि राशि का भुगतान मनपा द्वारा किया जाना चाहिए. मनपा को ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद 6 महीने के भीतर फैसले के खिलाफ अपील करनी थी. लेकिन, मनपा ने संबंधित कंपनी से चर्चा शुरू की. इस अंतर की रकम के भुगतान के लिए एक टैक्स कंसल्टेंट ईवाई को भी नियुक्त किया है. इस कंसल्टिंग फर्म की रिपोर्ट अभी उपलब्ध नहीं हुई है. इस दौरान कोरोना आपदा व अन्य कार्यों में मनपा ने इस पर ध्यान नहीं दिया.मनपा द्वारा ट्रिब्यूनल के निर्णय को लागू नहीं करने पर जब संबंधित कंपनी जिला कोर्ट में गई तो 4 मार्च को मनपा ने वर्ष 2019 से 2 करोड़ 81 लाख 19 हजार 445 रुपये प्लस 7 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय लिया. इस राशि का भुगतान न करने पर कोर्ट ने उस राशि को मनपा के बैंक खाते में जमा कराने पर भी रोक लगा दी है. इस बीच मनपा ने उज्ज्वल पुणे कंपनी को कानूनी नोटिस भी जारी कर 16 करोड़ रुपये बकाया भुगतान करने का निर्दे श दिया है. बकाया भुगतान न करने पर एलएडी अनुबंध रद्द करने की चेतावनी भी दी है.