उंड्री, 17 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
उंड्री-पिसोली के निवासियों ने पानी की सुविधा उपलब्ध कराए बिना टैक्स में भारी वृद्धि पर रोष व्यक्त किया है. यह हिस्सा मनपा में नए सिरे से शामिल किया गया है. जिससे वहां टैक्स बढ़ा है. लेकिन अपेक्षाकृत सुविधाएं ना मिलने से नागरिकों में तीव्र आक्रोश है. ज्यादातर समस्या पानी की है, जिससे यहां के निवासियों को रोजाना लड़ना पड़ रहा है. पीने के पानी के लिए उन्हें हर रोज हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. पिसोली और उंड्री में करीब 280 सोसायटियां हैं. इनमें छोटी सोसायटियों को रोजाना 7 से 8 टैंकर खरीदना पड़ रहे हैं, जबकि बड़ी सोसायटियों को पानी के लिए 10 से 15 टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं. नाराजगी इस बात पर भी है कि, आमतौर पर 700 से 800 रुपये में मिलने वाला पानी का टैंकर गर्मी के दिनों में 1,200 से 1,500 रुपये में खरीदना पड़ता है. उंड्री-पिसोली की कुछ सोसायटियों में बोरवेल हैं. लेकिन गर्मियों में पानी नहीं होने के कारण, उन्हें पीने और खपत के लिए पानी खरीदना पड़ता है. उंड्री की आबादी करीब 50 हजार और पिसोली की आबादी करीब 25 हजार है. यहां के नागरिकों का कहना है कि, गांव को मनपा में शामिल किए जाने के बाद उम्मीद थी कि पानी की आपूर्ति सुचारू होगी. लेकिन यह विफल हो गया है. मनपा ने पानी नहीं दिया, लेकिन टैक्स लगाकर आर्थिक लूट को अंजाम दिया गया है.
सीवेज सिस्टम नहीं, सेफ्टी टैंक की सफाई के लिए भी भुगतान करना होता है
कई नागरिक इस क्षेत्र में कई वर्षों से रह रहे हैं. वे वर्षों से टैंकर का पानी ले रहे हैं, यह उनकी शिकायत है. गांव को मनपा में शामिल किए जाने के बाद उन लोगों को पानी मिलने की उम्मीद थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछ सोसायटियों में सीवेज सिस्टम नहीं है. लोगों का आरोप है कि इसलिए सेफ्टी टैंक की सफाई के लिए आने वाले मनपा के वाहनों को भी भुगतान करना पड़ता है. फिर इन लोगों का सवाल है कि, वे बढ़े हुए टैक्स को मनपा को क्यों दें..?