शिवाजीनगर, 1 अप्रैल (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
उरुली देवाची और फुरसुंगी गांव अब अधिकृत रूप से मनपा सीमा से बाहर गए हैं. इससे आगामी मनपा चुनाव के लिए फिर से नए सिरे से प्रभाग रचना बनानी पड़ेगी. इसलिए अब कोर्ट का फैसला आने के बाद भी नए सिरे से प्रभाग रचना की प्रक्रिया करने के लिए चुनाव फिर से प्रलंबित होंगे, यह स्पष्ट हो गया है. मनपा चुनाव के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार ने तीन सदस्यीय प्रभाग रचना का निर्णय लिया था. उसके अनुसार यह प्रभाग रचना तैयार कर राज्य सरकार चुनाव आयोग की अंतिम मंजूरी के लिए पिछले वर्ष भेजा गया है.
लेकिन राज्य में सत्ता बदलाव होने से सत्ता में आने वाले शिंदे-फडणवीस सरकार ने वर्ष 2017 के अनुसार चार सदस्यीय प्रभाग रचना पद्धति से मनपा चुनाव लेने का निर्णय लिया. इस बारे में निर्देश मनपा को दिया गया है, लेकिन अब तक चार सदस्यों की प्रभाग रचना बनाई नहीं गई है. इस बारे में कोर्ट में दोनों ओर से याचिकाएं भी दाखिल हुई हैं. फिलहाल उस पर कोर्ट में सुनवाई जारी है. लेकिन कोर्ट ने तीन सदस्यीय प्रभाग रचना कायम रखने का निर्णय लिया तो अब उरुली देवाची-फुरसुंगी गांव मनपा से बाहर होने से उन्हें छोड़कर नए सिरे से रचना तैयार करनी होगी.
वहीं चार सदस्यीय प्रभाग पद्धति पर मुहर लगी तो वर्ष 2017 के बाद करीब 32 गांवों का समावेश हो गया है. इसलिए वर्ष 2017 की प्रभाग रचना कायम रखे बगैर फिर से नए सिरे से रचना करनी पड़ेगी. कुल देखा जाए तो तीन या चार सदस्यीय प्रभाग रचना संबंधी कोई भी निर्णय आने पर पुणे में नए सिरे से रचना करनी पड़ेगी, यह तय है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए कम से कम दो महीनों की अवधि लगेगी. इसलिए अब कोर्ट ने चुनाव लेने का आदेश देने के बाद भी अप्रैल या मई में चुनाव लेना संभव नहीं होगा. इसलिए सीधे दशहरा-दिवाली में मनपा चुनाव होने का अनुमान जताया जा रहा है.