पुणे, 10 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
फुरसुंगी व उरुली देवाची इन गांवों को पुणे मनपा से खारिज कर इन दो गांवों के लिए अलग नगर परिषद स्थापित करने की अधिसूचना पर करीब साढ़े छह हजार आपत्तियां जिलाधिकारी कार्यालय को मिली हैं. इन आपत्तियों पर सोमवार 15 मई से सुनवाई शुरू होगी. बाद में उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी. फुरसुंगी व उरुली देवाची इन दो गांवों को वर्ष 2017 में मनपा में शामिल किया गया. उसके बाद वहां मनपा ने प्रॉपर्टी टैक्स अधिक लगाने व किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं होने का दावा करते हुए इन गांवों को मनपा से खारिज करने की मांग मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से 6 दिसंबर 2022 को हुई बैठक में की गई. मुख्यमंत्री शिंदे ने फुरसुंगी व उरुली देवाची गांवों को मनपा से खारिज करने की घोषणा की. उसके अनुसार मनपा प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी थी. नगरविकास विभाग के उपसचिव अनिरुद्ध जेवलीकर ने इस बारे में प्रारूप अधिसूचना 31 मार्च को जारी की थी. उसके अनुसार जिला प्रशासन के पास नागरिकों ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं.
एक महीने में जिला प्रशासन के पास साढ़े छह हजार से अधिक आपत्तियां और सुझाव मिले. मिले हुए आवेदनों की जांच कर उनकी जानकारी दर्ज करने का कार्य जारी है. इस दौरान प्राप्त आपत्तियों पर सुनवाई लेने जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख की ओर से उपजिलाधिकारी या अतिरिक्त जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. इस अधिकारी से सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय के नगरपालिका ब्रांच की ओर से बताया गया है. जिलाधिकारी कार्यालय को मिली आपत्तियों पर नियुक्त अधिकारी सुनवाई लेकर उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख के पास पेश की जाएगी. डॉ. देशमुख इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंपेंगे. इस प्रक्रिया के लिए करीब एक से सवा महीने की अवधि लगेगी. उसके बाद राज्य सरकार द्वारा इस रिपोर्ट पर विचार कर फुरसुंगी व उरुली देवाची नगर परिषद स्थापन करने संबंध में अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी. इस के बाद फुरसुंगी व उरुली देवाची नगर परिषद की स्थापना पर मुहर लगेगी. इस पूरी प्रक्रिया के लिए दो महीनों की अवधि लगने की आशंका है.